मिड-डे-मील का हश्र,पिल्लू खिलाया जाता है बच्चों को

रूद्र ना० यादव/०८ सितम्बर २०११
जिला मुख्यालय स्थित अधिकलाल मध्यविद्यालय के छात्र उस समय आक्रोशित हो गए जब मध्याह्न भोजन में उन्हें खिलाए जा रहे चावल में पिल्लू निकले.छात्रों ने इस घटिया भोजन के खिलाफ आक्रोशित होकर एनएच १०६ को पूरी तरह जाम कर दिया.जम कर विद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे छात्रों का कहना था कि उन्हें मध्यान्ह भोजन में घटिया खाना खिलाया जाता है जिससे वे ठीक से खा नहीं पाते है.विद्यालय प्रबंधन भ्रष्ट हो चुका है.जाम की सूचना सदर एसडीओ संजय कुमार निराला को मिली तो वे खुद इसकी जांच करने विद्यालय पहुंचे.जांच के दौरान उन्होंने पाया कि इस विद्यालय में मिड डे मील में सड़े हुए चावल का प्रयोग हो रहा है.उन्होंने मामले को अति गंभीर बताया और कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी.एसडीओ के आश्वासन के बाद जाम छुडाया गया.स्कूल की प्रधानाध्यापिका रंजू बाला वर्मा मामले से हाथ खींचते हुए सारा दोष समिति पर मढ़ती है.उनका कहना है कि राजनीति के तहत कुछ शिक्षकों ने छात्रों को भडकाया है.पर उनका ये कहना पूरी तरह मध्यान्ह भोजन की जिम्मेवारी से भागने जैसा है.
    देखा जाय तो सरकार की योजना अच्छे के लिए होती है,पर लूट की लत से पीड़ित  ये शिक्षक हर कदम पर मुनाफा कमाने के चक्कर में रहते हैं.मध्यान्ह भोजन का घटिया होना बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खिलवाड़ करना है,जिसकी समझ यदि इन शिक्षकों को नहीं है तो न ये राष्ट्र निर्माता कहलाने लायक हैं और न ही शिक्षक दिवस पर सम्मान ही पाने के काबिल.
मिड-डे-मील का हश्र,पिल्लू खिलाया जाता है बच्चों को मिड-डे-मील का हश्र,पिल्लू खिलाया जाता है बच्चों को Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 08, 2011 Rating: 5

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