रूद्र ना० यादव/२६ जुलाई २०११
इस वर्ष जून माह में ये आशंका व्यक्त की जा रही थी कि कोसी तटबंध सुरक्षित नहीं है.शुरुआती दौर में प्रशासन के लोग भी कुछ पक्का कहने से बचते नजर आ रहे थे. कहीं-कहीं तटबंध में दरार भी नजर आ रहे थे,जिन्हें ऐसा लगता था कि तटबंध की सुरक्षा में लगे लोग बहुत गंभीरता से नहीं भी ले रहे थे.भला हो प्रिंट तथा इलेक्ट्रौनिक मीडिया का, जिन्होंने बाँध से जुडी हर खबर को प्रकाशित करना तो शुरू किया ही,साथ में उस पर बाँध से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों का बयान भी लेना शुरू किया.और इन बातों का असर स्पष्ट रूप से देखने को मिलने लगा.अब हालत ये हैं कि पूर्वी तटबंध के किसी भी स्पर पर जैसे ही दवाब बढ़ता है, फ्लड फाइटिंग का काम तेजी से होने लगता है.प्रशासन तो अब दावे भी कर
रही है कि हमारे सभी तटबंध सुरक्षित हैं.और सिर्फ दावे ही नहीं, उससे भी एक कदम आगे, किसी ने अगर बाढ़ से सम्बंधित अफवाह फैलाई तो उसकी खैर नहीं.इलाके के लोग वर्तमान स्थिति से कमोबेश पूरी तरह संतुष्ट भी नजर आ रहे हैं और बाढ़ के खतरे की आशंका से परे चैन की नींद सो रहे हैं.
रही है कि हमारे सभी तटबंध सुरक्षित हैं.और सिर्फ दावे ही नहीं, उससे भी एक कदम आगे, किसी ने अगर बाढ़ से सम्बंधित अफवाह फैलाई तो उसकी खैर नहीं.इलाके के लोग वर्तमान स्थिति से कमोबेश पूरी तरह संतुष्ट भी नजर आ रहे हैं और बाढ़ के खतरे की आशंका से परे चैन की नींद सो रहे हैं.
बता दें कि २००८ में आई बाढ़ को अधिकाँश लोग प्रशासनिक विफलता ही मान रहे हैं.माना ये भी जाता है कि उस समय एक तो तटबंध की सुरक्षा से जुड़े लोग भी लापरवाह हो चले थे और तटबंध के मामले में मीडिया का कवरेज भी काफी कम था, जिससे न तो आम लोग ही सतर्क हो सके और न ही प्रशासन.
मीडिया की सक्रियता भी है तटबंध की सुरक्षा में अहम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 26, 2011
Rating:
At first lots of thanks to all of u.who provide many things about madhepura to read.i personally feel it is best effort by u.keep it up.Gods give u strength to maintain ur continuity.its amazing.
ReplyDelete