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पीड़ित ग्रामीण |
रूद्र ना० यादव/२१ जुलाई २०११
जिसका डर था, वही होना शुरू हो गया है.जिले में महिलायें तो मुखिया बन गयी है और सरकार ने अपनी पीठ थपथपा ली है.पर हकीकत कुछ और बयां कर रहे हैं.मुखिया पति ही हैं असली मुखिया और वे अब जीतने में लगा सारा खर्च निकालने को मैदान में फिर से उतर चुके हैं.
शंकरपुर प्रखंड के मौरा झरकाहा पंचायत के मुखिया पति की दबंगई से ग्रामीण आजिज हैं और मुखियापति ने इंदिरा आवास में लूट का आतंक मचा रखा है.मुखियापति मो० मामुनल रसीद इंदिरा आवास की स्वीकृति पत्र देने के एवज में प्रति लाभार्थी एक हजार एक सौ रूपये रिश्वत के रूप में मांगते हैं.ग्रामीणों द्वारा रिश्वत नही देने पर एक तो ये दबंग मुखियापति स्वीकृति पत्र नहीं देते हैं और ऊपर से गाली देकर दरवाजे से भगा देते हैं.जबकि कायदे से ये स्वीकृति पत्र चौकीदार द्वारा घर-घर पहुंचाने थे.
अंत में मुखियापति की दबंगई से परेशान होकर ग्रामीणों का एक जत्था पहुंचा मधेपुरा सदर एसडीओ के कार्यालय और वहां एसडीओ से जम कर मुखिया की शिकायत की.एसडीओ ने जब कार्यवाही करने का आश्वासन और बीडीओ को जाँच कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया तो ग्रामीण वापस लौटे.बात साफ़ है,सरकार लाख नियम बना ले, पर लूट-खसोट पर लगाम लगाना सरकार और प्रशासन के बूते की बात नही लग रही.
मुखियापति के दबंगई से आजिज हो रहे ग्रामीण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 21, 2011
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