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| प्रो० चंद्रशेखर |
रूद्र ना० यादव/११ जुलाई २०११
पिछले एक वर्षों से वीपीमंडल सेतु यानि डुमरी पुल के मामले में कोई ठोस उपाय करने की बजाय इस पुल के निर्माण के नाम पर लूट-खसोट को अंजाम दिया गया.इस पुल पर एक ऐसा स्टील ब्रिज बना दिया गया जिसमे लागत तो १७ करोड़ दिखाई गयी, पर यह पुल १७ दिन भी नहीं चल सका.बिहार सरकार द्वारा बनाया गया यह स्टील ब्रिज उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण की भेंट चढ गया.कद्दावर नेताओं का यह क्षेत्र आज टापू बनकर रह गया है.
मधेपुरा के विधायक प्रो० चंद्रशेखर ने प्रेस वार्ता कर ये बाते कहीं.उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि डुमरी पुल का बंद होना राज्य में चल रही लूट-खसोट का ही एक चेप्टर है. भला हो भारत सरकार का जिसने ५० करोड़ की राशि से केबुल स्टेट की तकनीक से इस पुल को दुरुस्त करने का निर्णय लिया है.बिहार सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इससे बेहतर तो कुछ ही रूपयों से मल्लाहों द्वारा बनाया गया चचरी पुल था, जिस पर छोटी गाडियां भी कई महीनों तक पार होती रहीं,जबकि इन लोगों को इंजीनियरिंग की एबीसी भी नही आती. प्रो० चंद्रशेकर ने स्टील ब्रिज के नाम पर हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग कर डाली है.उन्होंने कहा कि यदि सरकार लाखों कोसीवासियों के हित की उपेक्षा की तो सड़क से सदन तक किया जायेगा संघर्ष.
17 करोड़ के पुल की आयु 17 दिन भी नहीं
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 11, 2011
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July 11, 2011
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