दिल में जब दर्द भरा होता है,
आँखों से आंसू छलक जाते हैं.
दिल उन्हें याद करके रोता क्यूं है,
कोई दिल तोड़ के जब जाते हैं.
कोई बददुआ उनको न देना
चैन से रहने की कोशिश करता है,
जब भी सोने की कोशिश करता है.
लूट कर जीवन की खुशियाँ,
आज क्यूं जाती हो तुम,
जाते-जाते हमें क्यूं
फिर रुलाती हो तुम.
दिल की धड़कन में थी रहती कभी तुम,
कभी साँसों में बसा करती थी.
खुशबू फूलों में होती है जैसे
इस तरह साथ मेरे रहा करती थी.
आज क्यूं दूरियां बनाती बनाती हो,
आज क्यूं अंगुलियाँ दिखाती हो,
इतने बुरे हम दिखते नहीं तो
दर्द आँखों से छलक जाता जरा देखो,
मन मौत में डूबा जाता है जरा देखो,
क्या मेरी मौत आयेगी अब,
दर्द तेरी जान लेके जाती है जरा देखो.
दर्द आँखों में नशा बनके है आया,
अब आँखों में अँधेरा है छाया,
कौन अब रौशनी जलाएगा इस घर में,
जहाँ सदियों से है अँधेरा छाया.
सोचा था किस्मत ने तेरा साथ दिया,
मेरे हाथों में तेरा हाथ दिया.
मगर अफ़सोस है किस्मत तुझपे,
राह चलते ही दामन छोड़ दिया.
--जितेन्द्र कुमार, साउथ पॉइंट पब्लिक स्कूल, मधेपुरा.
आंसू छलक जाते हैं.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 26, 2011
Rating:

It is a great emotional poem compose by jitender kumar
ReplyDeleteIt is really a great emmoational poem
ReplyDeletegood poeam
ReplyDeleteIt is so emmoational and good poem.by shubham raj
ReplyDelete