कुसहा त्रासदी पुनर्वास योजना बना मखौल

रूद्र नारायण यादव/२१ जून २०११
कुसहा त्रासदी को अब तीन साल होने को है.बाढ़ ने हजारों घरों को बर्बाद किया तो सरकार ने झट से पुनर्वास की भी घोषणा कर दी थी.पर बाढ़ पुनर्वास योजना का सच जो सामने खुल कर आ रहा है वो गरीबों के लिए कम दुखदायी नहीं है.पीड़ित परिवार के घर पुनर्वास राशि पर अधिकारियों के कुंडली मार कर बैठ जाने से अभी तक अधूरे पड़े हैं.योजना के मुताबिक़ प्रत्येक पीड़ित परिवार को घर निर्माण के लिए पचपन हजार रूपये की राशि मिलनी थी,पर अधिकाँश पीडितों को अभी तक केवल १५,००० रू० की
एक किस्त देकर अधिकारियों ने मानो इन पर बहुत बड़ा एहसान कर दिया है.इस तीसरे वर्ष भी बाढ़ की आशंका के बीच पीड़ित अधूरे घर को पूरा देखने की आश लगाए हुए हैं.पर अधिकारी हैं कि दूसरे और तीसरे किस्त की कोई चर्चा भी नही कर रहे हैं.जबकि इस समस्या पर मधेपुरा के डीडीसी श्रवण कुमार पंसारी कुछ और ही कहते हैं.उन्होंने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि पुनर्वास योजना के तहत गृह निर्माण की पूरी राशि सम्बंधित प्रखंड के बीडीओ को दे दी गयी है, वे बगैर जिला से कोई अग्रिम आदेश लिए ही पीड़ित को अगले किस्त की राशि दे दें.जो बीडीओ ऐसा नहीं करते हैं शिकायत मिलने पर उनके ऊपर कानूनी कार्यवाही की जायेगी.ये तो है फ़ाइल और नियम की बात लेकिन हकीकत यह है कि बाढ़ पीड़ित प्रथम किस्त की राशि लेकर उस मुताबिक़ कार्य कर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं कि उन्हें अगली किस्त मिले ताकि आशियाना बना कर बाल-बच्चों के साथ रह सके.पर अधिकारी उक्त राशि पर कुंडली मार बैठे हैं.क्यों बैठे हैं ये आप भी समझ गए होंगे कि.......
कुसहा त्रासदी पुनर्वास योजना बना मखौल कुसहा त्रासदी पुनर्वास योजना बना मखौल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 21, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. पुनर्वास का मखौल उड़ेगा ही. जब कोशी त्रसदी की जांच के लिए बैठाया गया राजेश वालिया आयोग के रिपोर्ट जिसे तीन महीने में दिया जाना था, उसका ४ वर्षों से ऊपर बीत जाने के बाद भी कुछ अता-पता नहीं है, तो मखौल यहीं से उड़ना शुरू हो गया, और सिलसिला जारी है.

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