राकेश सिंह/०२ अप्रैल २०११
विश्व कप जीतना भारत के लिए एक बड़ी चुनौती थी और निश्चित रूप से भारत ने इस वर्ल्ड कप को हासिल कर करोड़ो भारतीयों के मान और विश्वास को बढ़ाया है.पर यदि आज के फायनल मैच में भारत के खिलाड़ियों के परफोर्मेंस पर दृष्टिपात किया जाय तो कुछ महत्वपूर्ण बातें उभर कर सामने आती हैं.
विश्व कप फायनल में श्री लंका ने २७४ का सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर लिया और भारत के सामने एक चुनौती खड़ी हो गयी.देखा जाय तो खेल के प्रारम्भ में भारतीय टीम ने वर्ल्ड क्लास की फील्डिंग का परिचय दिया.पर इस बीच यदि कोई गेंदबाज भारत की स्थिति को संघर्षपूर्ण करने में जिम्मेवार रहा तो वे थे-श्रीसंत. श्रीसंत बाबू आये और फिर श्रीलंका ने रनों की झड़ी लगा दी.दरअसल नेहरा का चोटिल होना और श्रीसंत का आना ही भारत के लिए संघर्ष बढ़ा कर रख दिया. अगर देखा जाय तो अब उनका जलवा क्रिकेट में कम और लड़कियों पर ज्यादा दीखता है.पिछली सफलता के बाद से लगा इनपर सफलता का नशा चढ़ गया.विज्ञापन से धन कमाने और लड़कियों के पीछे भागते नजर आने लगे श्रीसंत.जाहिर है क्रिकेट की ओर से ध्यान थोड़ा घटेगा ही.हालांकि इस फायनल मैच में दिग्गज खिलाड़ी धोनी और युवराज ने अपनी प्रतिभा का लोहा तो मनवाया ही है पर अगर श्रीसंत ने जहीर,युवराज,मुनाफ और भज्जी की तरह अपना प्रदर्शन किया होता तो श्रीलंका शायद इतना बड़ा स्कोर खड़ा नही कर पाता और भारत को इतने संघर्ष के दौर से नही गुजरना पड़ता और लोगों की धडकनें यूं बढ़ती घटती नहीं.हालांकि आखिरकार भारत जीता और अब संभावना है कि जीत के जश्न में इस अय्यास के घटिया परफोर्मेंस पर से लोगों का ध्यान हट जाए पर क्रिकेट बोर्ड को चाहिए कि श्रीसंत जैसे खिलाड़ी को उठाकर बाहर फेंक दे ताकि कभी भारत की प्रतिष्ठा पर कभी थोड़ी भी आंच न आये.
भारत बना क्रिकेट विश्व चैम्पियन: संघर्ष बढ़ा तो कारण है ये अय्यास
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 02, 2011
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ये हिंदुस्तान आज वर्ल्ड कप जीतना गया आप सभी को बहुत बहुत मुबारक हो..............
ReplyDeleteits a proud moment to cherish the win and not a moment to start criticizing our own players which we indians are superb in...lets be happy with what we have achieved yesterday and not be start complaining which we do every other day...its a team effort under the expert guidance of m s dhoni....lets honor his every decision and join the indian celebration with pure and positive heart....
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