मेरा गीत अमर कर दो...और शिखा निकल पड़ी.

रूद्र नारायण यादव/१६ मार्च २०११
सिंघेश्वर मेले का शोभा सम्राट थियेटर तो हर बार चर्चा में रहता है,क्योंकि यहाँ रात में घोषित मनचलों के अलावे सफेदपोश लोग भी चोरी-छिपे हसीनाओं की अदाओं पर थिरकने पहुँचते है.पर इस बार यह  बहुचर्चित थियेटर एक दूसरे कारण से चर्चा में आ गया है.थियेटर में दर्शकों को अपने गाने और डांस से दीवाना बनाने तथा दिलों में प्यार जगाने वाली वाली नर्तकी शिखा प्रिया ने ये शायद ही सोचा था कि किसी दर्शक के दिल में उसकी अदाएं  इतना प्यार जगा देगी कि उसे ना कहना एक दिन शिखा के लिए मुश्किल हो जाएगा.और पिछले नौ मार्च को शिखा हजारों दिलों को तोड़कर खुद एक दर्शक की प्रेम दीवानी बन थियेटर छोड़ कर भाग गयी.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिखा कुछ दिन पहले ही फारबिसगंज के बबलू विशाल

नई दुनियां बसाने चली शिखा
शिखा  के प्यार में पड़ी थी..बबलू शिखा के साथ नई दुनियाँ बसाना चाहता था.पर शिखा की माँ ये नही चाहती थी कि थियेटर के माध्यम से मोटी कमाई करने वाली शिखा अभी प्यार-व्यार के चक्कर में पड़े.और अंत में वही हुआ जिसका शिखा कि माँ माही भंडारी को डर था.बबलू शिखा के पीछे सिंघेश्वर तक आ गया था.उस रात शिखा ने अंतिम रूप से थियेटर की दुनियां को अलविदा कह दिया.
    माँ ने सिंघेश्वर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है कि बबलू उसकी भोली-भाली बेटी को बहला फुसला कर ले गया.जबकि शोभा सम्राट थियेटर के मैनेजर राजकुमार सिंह अपना पल्ला झाड़ते हुए कहते हैं कि शिखा उनके थियेटर में नर्तकी नही थी बल्कि एक नर्तकी के साथ उसके संबंधी के रूप में रह रही थी.
    जो भी हो,पर शिखा अब किसी थियेटर में शायद ही दिखेगी  क्योंकि अब उसकी अदाएं हजारों के लिए नहीं बल्कि सिर्फ एक के लिए रह गयी है.
मेरा गीत अमर कर दो...और शिखा निकल पड़ी. मेरा गीत अमर कर दो...और शिखा निकल पड़ी. Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 16, 2011 Rating: 5

2 comments:

  1. Tum agar saath dene ka wada karo ,ham un hi mast nagme lutate rahe.....pyar ki jeet hui ,har gaya jamana. Shikha ne pyar ke khatir apni moti kamaai ko thokar mar, sari duniya ko dhata batate hue apne prem diwane Babloo ka hath thama,kafi sarahniya.pyar ki bhasa me 100% mark.

    ReplyDelete

Powered by Blogger.