राकेश सिंह/१५ मार्च २०११
वैसे तो बिहार में अधिकाँश एकेडमिक परीक्षाओं ने कमोबेश चोरी चलती ही है,पर विधि (एलएलबी) की परीक्षा में चोरी भले अन्य जगह कमोबेश हो,पर मंडल विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए यह जन्मसिद्द अधिकार है.यही वजह है कि जब नए वीसी डा० अरूण कुमार ने विधि स्नातक पार्ट वन २०१०,पार्ट टू २००८,२००९ तथा २०१० सहित पार्ट थ्री २००८ की परीक्षा का निरीक्षण किया तो परीक्षा कक्ष की हालत देखकर खासे नाराज हुए.उन्होंने शनिवार की परीक्षा को रद्द भी करने का आदेश दे दिया था.साथ ही केन्द्राधीक्षकों को उनके खिलाफ कार्यवाही करने की भी हिदायत दे डाली.परीक्षा में कदाचार रोकने के लिए तो उनका कदम ठीक था पर परीक्षार्थियों को
यह नागवार लगा.और आज सहरसा के आर एम कालेज पर जब कॉलेज प्रशासन ने चोरी रोकने का प्रयास किया तो परीक्षार्थी उग्र हो उठे और कुछ ने पहले अपनी और फिर दूसरे की कॉपियां फाड़नी शुरू की.अंतत: न चाहते हुए भी सबों को परीक्षा का बहिष्कार करना पड़ा.छात्रों का कहना था कि कॉलेज में पढाई कुछ नही होती है.परीक्षा के पांच दिन पहले फॉर्म भराया जाता है,परीक्षा के दिन एडमिट कार्ड दिया जाता है तो ऐसे में ये कैसे उम्मीद की जा सकती है कि हम बिना चोरी के पास कर सकेंगे.उन्होंने यह भी कहा कि सहरसा के छात्रों को मधेपुरा के पार्वती साइंस कॉलेज पर छूट दी जा रही है और हमें यहाँ टाईट किया जा रहा है,ये सरासर पक्षपात है.हमें चोरी करने दिया जाय,नही तो हम परीक्षा का रोज ही बायकॉट करेंगे.
यह नागवार लगा.और आज सहरसा के आर एम कालेज पर जब कॉलेज प्रशासन ने चोरी रोकने का प्रयास किया तो परीक्षार्थी उग्र हो उठे और कुछ ने पहले अपनी और फिर दूसरे की कॉपियां फाड़नी शुरू की.अंतत: न चाहते हुए भी सबों को परीक्षा का बहिष्कार करना पड़ा.छात्रों का कहना था कि कॉलेज में पढाई कुछ नही होती है.परीक्षा के पांच दिन पहले फॉर्म भराया जाता है,परीक्षा के दिन एडमिट कार्ड दिया जाता है तो ऐसे में ये कैसे उम्मीद की जा सकती है कि हम बिना चोरी के पास कर सकेंगे.उन्होंने यह भी कहा कि सहरसा के छात्रों को मधेपुरा के पार्वती साइंस कॉलेज पर छूट दी जा रही है और हमें यहाँ टाईट किया जा रहा है,ये सरासर पक्षपात है.हमें चोरी करने दिया जाय,नही तो हम परीक्षा का रोज ही बायकॉट करेंगे.
यानी बात वही हुई कि चोरी करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है.आंकड़े जो कहें,पर बिहार में शिक्षा के स्तर में अभी और सुधार आने बाक़ी हैं.अब देखना बाक़ी है कि प्रशासन इनके सामने घुटने टेकती है या फिर विधि स्नातक की कदाचारमुक्त परीक्षा करवाने में सफल होती है.
चोरी हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है...और हम करके रहेंगे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
March 15, 2011
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First of all development of quality education is utmost necessary i.e. quality of teaching, regular & routine classes, quality of management & the whole system, then each & every examination must be fair automatically & the time will come when the students will abstain from copying/cheating in the examinations.
ReplyDeleteye students hain hmare india ke future...
ReplyDeleteChori se pas karne wale jo student wakalat me aate hain we jyada achchhe wakil hote hain. aur to aur we to civil suits me bhi khare - khare jamanat karane ki aukat rakhte hain.
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