सिविल कोर्ट मधेपुरा के अधिवक्ता ने कल और आज ईवनिंग कोर्ट का पूर्णत: बहिष्कार किया.उन्होंने अपना विरोध कोट पर लाल फीता लगाकर किया.मालूम हो कि दिसंबर से ही सरकार की योजना के अनुसार मधेपुरा समेत पूरे बिहार के ३० सेशन कोर्ट में सायं ५ बजे से ७ बजे तक अतिरिक्त कोर्ट चल रहा है जिसका उद्द्येश्य छोटे नेचर के वादों का निपटारा करना है.अधिवक्ताओं ने शुरू से ही इसका विरोध यह कह कर करना शुरू
किया था कि यह बिलकुल ही अव्यावहारिक प्रयोग है.चूंकि उनके क्लाइंट दूर-दूर से आते हैं,कोर्ट इवनिंग होने से क्लाइंट को रात में रूकना पड़ेगा जिससे सबों की परेशानी बढ़ेगी.जज व कर्मी तो २५% अधिक पाने से खुश हो
सकते हैं पर अधिवक्ताओं को इससे कोई खास फायदा नही होने वाला है.दूसरी बात शाम का समय जो घरेलू काम तथा रिफ्रेशमेंट के लिए होता है वो भी काम करते ही बीतेगा.
किया था कि यह बिलकुल ही अव्यावहारिक प्रयोग है.चूंकि उनके क्लाइंट दूर-दूर से आते हैं,कोर्ट इवनिंग होने से क्लाइंट को रात में रूकना पड़ेगा जिससे सबों की परेशानी बढ़ेगी.जज व कर्मी तो २५% अधिक पाने से खुश हो
सकते हैं पर अधिवक्ताओं को इससे कोई खास फायदा नही होने वाला है.दूसरी बात शाम का समय जो घरेलू काम तथा रिफ्रेशमेंट के लिए होता है वो भी काम करते ही बीतेगा.
मधेपुरा के अधिवक्ताओं ने भी बिहार स्टेट बार काउन्सिल के आह्वान पर दिन भर लाल बैज लगा कर इवनिंग कोर्ट के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया.देखना है कि क्या सरकार लगातार हो रहे विरोध पर कोई कदम उठाती है या फिर विरोध के बावजूद इवनिंग कोर्ट को जारी रखती है.
अधिवक्ता कर रहे ईवनिंग कोर्ट का बहिष्कार:कहा पूर्णत: अव्यावहारिक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 29, 2011
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काम सब गैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं
ReplyDeleteऔर हम कुछ नहीं करते हैं, ग़ज़ब करते हैं
हम पे हाकिम का कोई हुक्म नहीं चलता है
हम कलंदर हैं, शहंशाह लक़ब करते हैं.
I have been struggling for establishment of a High Court bench at Madhepura.
Hope the lawyers will also support this cause.