रूद्र नारायण यादव/११ जनवरी २०११
सरकार बिजली का लाख रोना रोये,पर ये बात सच प्रतीत होता है कि बिजली के मामले में सरकार उतनी गंभीर नहीं है जितना कहती है.एक तरफ अवैध कनेक्शन लेकर जहाँ बहुत सारे लोग व फैक्ट्रियां अपना काम चला रही है वहीं दूसरी ओर वैध कनेक्शन वालों ने भी सरकार का भट्ठा बैठा रखा है.और सरकार चुप है,सुस्त पड़ा विभाग मौन है जिससे लोगों तथा अन्य सरकारी विभागों की पौ-बारह है.इस मामले में ताजा मिली जानकारी के अनुसार मधेपुरा जिले में बिजली विभाग का बारह करोड़ का बिल बकाया है,जिसका भुगतान
नही किया जा रहा है.इसमें से करीब आठ करोड़ का बकाया सिर्फ सरकारी विभाग पर है.पीएचईडी तो लगता है रिकॉर्ड बनाने पर लगा है जिस पर करीब ३१ लाख रूपये बिजली बिल का बकाया है.
नही किया जा रहा है.इसमें से करीब आठ करोड़ का बकाया सिर्फ सरकारी विभाग पर है.पीएचईडी तो लगता है रिकॉर्ड बनाने पर लगा है जिस पर करीब ३१ लाख रूपये बिजली बिल का बकाया है.
बगल के सुपौल जिले से मिली जानकारी तो और भी चौंकाने वाली है.लगातार बिजली मंत्री रहे इस क्षेत्र के बिजेन्द्र यादव के जिले सुपौल में बिजली भी चकाचक करीब २०-२२ घंटे रहा करती है और लगता है लोगों को मुफ्त बिजली जलाने का ऑफर मिला हुआ है.इस जिले के उपभोक्ताओं पर ३१ करोड़ का बिल बकाया है.
कुल मिलाकर सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि सरकारी विभाग ही सरकार को चूना लगाने पर तुला हुआ है.एक आम आदमी अगर बिजली चोरी करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे जेल भेज दिया जाता है और तब तक जमानत नही मिलती है जब तक कि वह दंड की राशि जमा न कर दे.पर बिजली विभाग इन सरकारी विभागों पर कोई कारवाही क्यों नही करती जो आबंटन होने के बावजूद बिजली विभाग को घाटे में रहने के लिए विवश करती है.बेहतर होता कि सरकार बिजली का रोना छोड़कर अवैध कनेक्शन को बंद करवाती और बकाया राशि की वसूली कर राज्य में बिजली की स्थिति सुदृढ़ करती.
मधेपुरा में 12 करोड़ और सुपौल में 31 करोड़ बिजली बिल बकाया:सरकारी विभाग सबसे आगे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 11, 2011
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Goverement should take necessay action for collecting such type of Pending Bills and also implement Power Plant in Bihar so that Not Only Supoul but also other District have 22 Hours Power.
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