पंकज भारतीय/१७ दिसंबर २०१०
दूसरा विवाद आज भी अनसुलझा है.'अंडा मांसाहार है या शाकाहार' इस रहस्य से पर्दा उठना अभी बाक़ी है.नरमपंथी शाकाहारी इसे शाकाहार मानते हैं तो कट्टरपंथी शाकाहारी इसे मांसाहार मानते हैं.जबकि मांसाहारी खामोश बैठे हुए हैं.जब तक विवाद का फैसला नही हो जाता है इसे मांसाहारी के साथ-साथ शाकाहारियों ने भी अपने मेन्यू में शामिल कर रखा है.ठंढ बढ़ती जा रही है तो बाजार में अंडे की मांग भी बढ़ती जा रही है.सर्दी के मौसम में गरमी का एहसास कराने के लिए अंडे को सांसे उपयुक्त माध्यम माना जाता है.
अंडे का विवाद के साथ चोली दामन का रिश्ता रहा है.'हरी अनंत,हरिकथा अनंता'की तर्ज पर अंडे की भी अनंत कहानियाँ मौजूद है.'पहले मुर्गी आयी कि पहले अंडा' सदियों से विवाद और बहस का विषय रहा है.लेकिन अब इस राज पर से भी पर्दा उठ गया है.ब्रिटिश वैज्ञानिक डा० कॉलीन फ्रीमैन ने लंबे समय तक शेफील्ड यूनिवर्सिटी में शोध के उपरांत हाल में सनसनीखेज उदघाटन किया है कि पहले मुर्गी आयी फिर अंडा आया.क्योंकि अंडे के बनने के लिए मुर्गी की ओवरी की जरूरत होती है.

शाम होते ही सड़क के चौक चौराहों एवं नुक्कडों पर ठेलों के आसपास लोगों की भीड़ जुटने लगती है.ठंढ के इस मौसम में आमलेट एवं एगरोल खाने का अपना एक अलग ही मजा है.बच्चे हो या बूढ़े सभी के कदम इस और बरबस खींचे चले आते हैं.
ये है अंडा का फंडा !
Reviewed by Rakesh Singh
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December 17, 2010
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अंडा का फंडा समझाने के लिए धन्यबाद.
ReplyDeleteसंजय