बोते हैं बेटा ,पैदा लेती है बेटियां .
खाद -पानी बेटा में ,लहराती है बेटियां .
प्यार बेटे को दिया ,
खाद -पानी बेटा में ,लहराती है बेटियां .
प्यार बेटे को दिया ,
प्यारी होती है बेटियां .
सपना बुना बेटे के लिए ,
सपना बुना बेटे के लिए ,
पूरी करती है बेटियां .
ठेले बेटा को ,
ठेले बेटा को ,
एवरेस्ट पर चढती है बेटियां .
ज्यादा पढाया बेटे को ,
ज्यादा पढाया बेटे को ,
पर नाम रौशन करती है बेटियां .
रुलाता है बेटा ,रोती है बेटियां .
हर फरमाइश पूरी कि बेटे की,
रुलाता है बेटा ,रोती है बेटियां .
हर फरमाइश पूरी कि बेटे की,
पर हमारी ख्याल रखती है बेटियां.
महत्त्व देते है बेटे को,
महत्त्व देते है बेटे को,
हमारी महत्त्व बढाती है बेटियां
अधिकार देते है बेटे को ,
अधिकार देते है बेटे को ,
कर्त्तव्य करती है बेटियां .
जिम्मेदारी बेटे को दिया ,
जिम्मेदारी बेटे को दिया ,
निभाती है बेटियां .
गिरता है बेटा ,
गिरता है बेटा ,
संभलती है बेटियां .
फिर न जाने क्यों ,
फिर न जाने क्यों ,
समाज और हमसब ठुकराते हैं बेटियां?
--प्रीति,मधेपुरा
रविवार विशेष-कविता- बेटियां
Reviewed by Rakesh Singh
on
November 20, 2010
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DAUGHTER IS LIFE
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