रूद्र नारायण यादव/२८ नवंबर २०१०
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बच्चों के बीच से सायकिल लेकर गुजरता राहगीर |
इस विद्यालय का भविष्य जो भी हो पर वर्तमान बहुत अच्छा नही है,पर यहाँ एक बात जो सबसे अच्छी है वो है इस विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों का जुनून.मधेपुरा जिला मुख्यालय से महज ३०० गज की दूरी पर मदनपुर पंचायत के अंतर्गत इस गांव का नाम है नयानगर.वर्ष १९९५ में स्थापित इस स्थाई विद्यालय जिसका नाम है प्राथमिक विद्यालय अल्पसंख्यक कॉलोनी; विद्यालयभवन के लिए मुंहताज है.छत के नाम पर
ढेर सारे बांस के पेड़ हैं और बैठने का स्थान और भी अनोखा-चालू सड़क.बस्ती के लोग तथा जानवर का चलना इस सड़क से बदस्तूर जारी रहता है और बगल में बच्चे बैठ कर पढ़ते रहते हैं.इस विद्यालय में बच्चों की संख्यां भी कुछ कम नही है,२०० बच्चे इस सड़क पर बैठ कर यदि पढ़ाई करते हैं तो ये कम बड़ी बात नही है.
डीएसई एस एन यादव बताते हैं कि विद्यालय भवन के लिए प्रशासन को कई बार लिखा गया है पर नतीजा बेअसर रहा.१५ साल से चल रहा यह विद्यालय पिछले पांच साल से सुशासन के भी दौर से गुजरा है,परन्तु इसके हालात नही बदल सके.नीतीश जी ने हाल में ही चुनावी भाषण में कहा था कि हम भ्रष्टाचारियों के मकान के जब्त कर उसमे विद्यालय खोलेंगे.उमीद खो चुके ग्रामीणों में उनकी इस घोषणा से उम्मीद फिर से जगी है कि इस बार के सुशासन में किसी भ्रष्टाचारी के मकान में ही सही,कम से कम भवनविहीन इस स्कूल को एक छत का आसरा तो मिल सकेगा.
ढेर सारे बांस के पेड़ हैं और बैठने का स्थान और भी अनोखा-चालू सड़क.बस्ती के लोग तथा जानवर का चलना इस सड़क से बदस्तूर जारी रहता है और बगल में बच्चे बैठ कर पढ़ते रहते हैं.इस विद्यालय में बच्चों की संख्यां भी कुछ कम नही है,२०० बच्चे इस सड़क पर बैठ कर यदि पढ़ाई करते हैं तो ये कम बड़ी बात नही है.

१५ साल से सड़क पर विद्यालय,पर पढ़ाई का जुनून तो है !
Reviewed by Rakesh Singh
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November 28, 2010
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ये काम तो सबसे पहले होना चाहिये……………काफ़ी सराहनीय प्रयास है इसे तो सभी का सहयोग मिलना चाहिये।
ReplyDeleteGood.
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