एसपी साहब का फैसला ऑन द स्पॉट

संवाददाता/१८ जून २०१० 
ये मामला काफी दिलचस्प साबित हुआ जब एक केश में मधेपुरा के एसपी वरुण कुमार सिंहा ने अपनी कार्यकुशलता का परिचय देते हुए शिकायत करने आये व्यक्ति के सामने ही फैसला दिया.हुआ यूँ कि  जिले के चौसा थाना के लौआलगान निवासी जयप्रकाश सिंह के पांच वर्षीय पुत्र इरजू और सात वर्षीय पुत्र बिरजू के विरुद्ध सुधाकांत सिंह ने अपने पुत्र की आंख में तीर मारकर जख्मी करने का मामला चौसा थाना में दर्ज कराया था . उदाकिशुनगंज के आरक्षी निरीक्षक शिवाधार राम ने बिना स्थल जांच किए पर्यवेक्षण टिप्पणी में घटना को सत्य करार देते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया था. लेकिन जब इन बच्चों ने शुक्रवार को  के समक्ष उपस्थित होकर गुहार लगायी तो आन द स्पाट फैसला करते हुए आरक्षी अधीक्षक ने थानाध्यक्ष को निर्देश दिया  कि इन दोनों बच्चों की गिरफ्तारी नहीं की जाय  और इस सम्बन्ध  एसडीपीओ उदाकिशुनगंज से प्रतिवेदन की भी  मांग की है. बालक इनजू और बिरजू ने बताया कि गिल्ली  डंडा खेलने के दौरान ये चोट  गिल्ली से लगी थे लेकिन थाने में तीर मारकर आँख फोड़ने का मुकदमा दर्ज कराया गया है. सबसे आश्चर्यजनक  इंस्पेक्टर की पर्यवेक्षण टिप्पणी है जिसमें इन बच्चों  की उम्र की चर्चा भी नहीं है और सीधे इनकी गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया है. एसपी श्री सिंहा ने इस मामले में फौरन कार्रवाई करते हुए कहा है कि  ये छोटे-छोटे बच्चे हैं और इनकी गिरफ्तारी का आदेश देना गलत है.उन्होंने  गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए एसडीपीओ को निर्देश दिया गया है कि वे स्वयं जांचकर इस मामले में की जांच कर अंतिम प्रपत्र समर्पित करें.
एसपी साहब का फैसला ऑन द स्पॉट एसपी साहब का फैसला ऑन द स्पॉट Reviewed by Rakesh Singh on June 19, 2010 Rating: 5

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