मां काली को हाथ काट कर चढ़ाया

रूद्र नारायण यादव/१५ जून २०१०
मधेपुरा जिले के सिंघेश्वर प्रखंड मुख्यालय स्थित गौरीपुर पंचायत के संतोष कुमार ने अंधविश्वास में पड़कर अपना बायाँ हाथ काट मां काली के फोटो के नीचे चढ़ाकर वैज्ञानिक,जागरूकता एवं विकसित भारत को धता बता दिया.मालूम हो कि संतोष पिछले कई वर्षों से पान की दूकान चला रहे थे लेकिन पांच-छ: महीना पूर्व दूकान में घाटा लगने के कारण दूकान बंद हो गयी.पहले तो संतोष अगल बगल के लोगों से दूकान चलने के लिए पैसे मांगे लेकिन किसी ने मदद नहीं किया.
इसके बाद संतोष इधर-उधर भटकने लगा और रात दिन काली मां की पूजा में धीरे-धीरे रम गया.परिजनों ने बताया कि पिछले छ:माह से चौबीसों घंटे काली मान की पूजा में संतोष लगे रहते थे.१४ जून की रात्री में संतोष रोजमर्रे की तरह पूजा में जुटे थे और रात ढलते ही मां काली को खुश करने के लिए अपना हाथ काटकर चढ़ा दिया.जब इसकी सूचना लोगों ने सुबह में परिजनों को दिया तब आनन फानन में इलाज के लिए संतोष को सिंघेश्वर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल मधेपुरा भेज दिया.सदर अपस्ताल के चिकित्सकों ने बताया कि संतोष मौत के मूंह से तो बाहर हो गया है लेकिन अपना एक हाथ जिन्दगी भर के लिए जरूर गंवा लिया.सामाजिक स्तर पर सोचें तो संतोष बेकारी और बेरोजगारी से तंग आकर मानसिक  रूप से बदहवासी की अवस्था में इस तरह का कदम उठाया क्योकि उन्हें लगा कि समाज में कोई उनकी मदद करने वाला नहीं है इसीलिये माँ काली को ही खुश कर क्यों नहीं जीवन की शान्ति प्राप्त की जाय और काफी सोच विचार कर संतोष ने अंधविश्वास में पड़कर अपना हाथ खो दिया.
  हैरत की बात तो यह है कि यह घटना सिंघेश्वर के प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय एवं थाना के  में गेट पर घटी,लेकिन पूरे दिन गुजर गए लेकिन बीडीओ साहब एवं थानेदार देखने तक नहीं आये.जब मीडियाकर्मी ने थानेदार से इस बाबत पूछा तो तब उन्होंने कहा कि किसी पुलिसकर्मी को भेजकर पता करवाने का प्रयास करेंगे कि घटना का कारण क्या है.इससे पुलिस की मंशा स्वत: उजागर हो रही है कि वे क्या कह रहे हैं?
इस घटना से सम्बंधित वीडिओ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें.कृपया बच्चे और कमजोर दिल के लोग इस वीडिओ को न देखें.

मां काली को हाथ काट कर चढ़ाया मां काली को हाथ काट कर चढ़ाया Reviewed by Rakesh Singh on June 15, 2010 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.