40 साल पहले जेल में हुई थी मुख्यमंत्री से दोस्ती, आज दोस्त इनके घर ठहरकर चुनावी अभियान को दे रहे गति: मधेपुरा चुनाव डायरी (67)

|डिक्शन राज|26 अप्रैल 2014|
मधेपुरा जिला मुख्यालय के मेन रोड का एक घर. रह-रहकर अचानक सुर्ख़ियों में आ जाता है. घर सिक्यूरिटी गार्ड से घिर जाता है, सामने सड़क पर पुलिस का जमावड़ा देखकर लोग समझ जाते हैं कि सूबे के मुख्यमंत्री मधेपुरा आये हुए हैं और अपने दोस्त के घर ठहरे हुए हैं.
      मधेपुरा के व्यवसायी परिवार से ताल्लुकात रखने वाले ललन सर्राफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दोस्ती आज की नहीं है. करीब 40 साल पहले छात्र आंदोलन के दौर में साथ हुए और दोस्ती हुई जो आजतक कायम है. उस वक्त जय प्रकाश आंदोलन के तहत मीसा (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्यूरिटी एक्ट) में नीतीश कुमार और ललन सर्राफ एक साथ भागलपुर के जेल में बंद थे.
      अब जब लोकसभा चुनाव में पूरे उत्तर बिहार मे चुनाव प्रचार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मधेपुरा मे ललन सर्राफ के ही घर रहकर कर रहे हैं तो इस बार दोस्ती का फर्ज अदा करते हुए ललन सर्राफ भी मुख्यमंत्री और मधेपुरा से जदयू प्रत्याशी शरद यादव के समर्थन में व्यवसायियों से मिल रहे हैं और नीतीश राज में हुए विकास को गिनाते हुए उनसे वोट की अपील कर रहे हैं. ललन सर्राफ की बातों से साफ़ जाहिर है वे मुख्यमंत्री के काम के जबरदस्त प्रशंसक हैं.
गम्हरिया में एक जदयू नेता के आवास पर व्यवसायियों को संबोधित करते हुए ललन सर्राफ ने कहा कि शिक्षा, रोजगार के अवसर पैदा करने, लोगों के रहनसहन को ऊँचा उठाने में बिहार के मुख्यमंत्री ने कोई कसर बाकी नहीं रखी है. बिहार में बिजली की स्थिति बहुत अच्छी हुई है. मुख्यमंत्री तो यहाँ तक कहते हैं कि यदि हर जगह बिजली नहीं पहुंचा पाए तो हम लोगों से वोट मांगने नहीं जायेंगे.
नरेंद्र मोदी पर बोलते हुए श्री सर्राफ ने कहा कि जो कहते हैं कि गुजरात के नेता आयेंगे और देश को बदल देंगे तो यह भी जानना चाहिए कि गुजरात में अभी भी लाखों लोगों को बिजली तक का कनेक्शन नहीं मिला है, 4.5 लाख लोगों ने वहाँ बिजली का आवेदन दिया, पर उन्हें कनेक्शन नहीं मिला है. बेरोजगारी वहां भी काफी है. जहाँ तक भ्रष्टाचार की बात है गुजरात में खनन घोटाले में आरोपी मंत्री जिन्हें हाई कोर्ट ने सजा दे दी थी, वे भी राज्य मंत्रिमंडल में बने हुए हैं.
लालू राज की याद दिलाते हुए श्री सर्राफ कहते हैं कि जंगल राज का माहौल कैसा था आपको याद होगा. आप शाम के बाद घर से निकल नहीं पाते थे. व्यवसायी मोबाइल उठाने से पहले उसका भय से नंबर पहले देखते थे. नीतीश कुमार ने क़ानून का राज स्थापित किया. कुछ समस्याएं अभी भी हैं. समस्या किस काल में नहीं रही है. मुख्यमंत्री ने क़ानून का राज स्थापित किया. स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में इस शासन में लगातार सुधार हुआ है.
      लालू प्रसाद पर प्रहार करते हुए ललन सर्राफ ने कहा कि अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाया, अपनी बेटी को टिकट दिया. और भी कई नेता अपने परिवार को राजनीति में ला रहे हैं. नीतीश के लिए बिहार की सारी जनता ही उनका परिवार है.
जाहिर सी बात है नीतीश ने जहाँ दोस्ती का इतना मान रखा और पहले तथा इस बार भी ललन सर्राफ के घर रहकर दोस्ती को तरजीह दी है तो ऐसे दोस्त के लिए तो दोस्ती का फर्ज अदा करना ही होगा.
40 साल पहले जेल में हुई थी मुख्यमंत्री से दोस्ती, आज दोस्त इनके घर ठहरकर चुनावी अभियान को दे रहे गति: मधेपुरा चुनाव डायरी (67) 40 साल पहले जेल में हुई थी मुख्यमंत्री से दोस्ती, आज दोस्त इनके घर ठहरकर चुनावी अभियान को दे रहे गति: मधेपुरा चुनाव डायरी (67) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 26, 2014 Rating: 5

1 comment:

  1. sahi bat hai ki Nitish jitna Bihar ke kisi CM ne kam nahi kiya..lekin ye bhi batayein Nitish BJP ke sath ke wajah se hi CM bane aur kam kar paye..jab popularity badh gayi toh socha ab BJP ka kya kam hai,secularism ka bahana lekar NDA se bahar ho gaye. Inhone socha ki BJP se alag hone se Muslim vote mil jayenge..lekin sara khel bigad gaya..do billiyon ki ladai mein bandar ko fayda hone ja raha hai..

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