|ब्रजेश सिंह|26 अप्रैल 2014|
मधेपुरा जिले के आलमनगर के रतवारा सहायक थाना
क्षेत्र के सुखाड़ घाट में पुलिस की छापेमारी में अवैध रायफल और 30 जिन्दा कारतूस
के बरामद होने और गिरफ्तार व्यक्ति के रहस्योद्घाटन से कई सवाल उभर कर सामने आते
हैं.
रतवारा
थानाध्यक्ष संजीव कुमार ने गुप्त सूचना के आधार पर राकेश कुमार राय नामक व्यक्ति/
अपराधी के पास से अवैध हथियार बरामद कर पुलिस अपनी पीठ भले ही थपथपा रही हो, पर
राकेश राय ने जो बात बताई वो बेहद चौंकाने वाले हैं और इस बात का समर्थन इलाके के
कई लोग करते आ रहे हैं.
राकेश
राय ने बताया कि दियारा इलाके में खेती करने के दौरान इलाके के खुख्यात अपराधियों
द्वारा लेवी (रंगदारी) की मांग की जाती है और लेवी नहीं देने वाले की हत्या कर दी
जाती है. इलाके में पुलिस नाकामयाब है. अपराधियों से सुरक्षा के लिए किसानों के लिए हथियार रखना मजबूरी होती है.
बता दें
कि मधेपुरा, खगड़िया और भागलपुर की सीमा पर का यह दियारा क्षेत्र यातायात विहीन है
और दशकों से कुख्यात अपराधियों की शरणस्थली बना रहा है और कहा जाता है कि बिना
पुख्ता व्यवस्था के पुलिस भी इस इलाके में जाने से भय खाती है. हाल में ही कुख्यात
ध्रुव यादव को सलाखों के पीछे भेजकर पुलिस बड़े तीर मार लेने का दावा कर रही हो, पर
अभी भी दियारा का आतंक शबनम यादव, अशोक ठाकुर समेत दर्जनों कुख्यात बाहर हैं और
मक्के की खेती करने वाले किसान दहशत के साये में जी रहे हैं.
दियारा के किसानों को अपराधियों की लेवी से बचने के लिए रखना होता है हथियार !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 26, 2014
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ye sach hai ki bahot se gharon mein fire arms hain chahe license wale ho ya bina license ke..sarkar ko kicense policy ko liberal karna chahiye taki log apni raksha ke liya arms rakh sakein..sabhi jagah toh police pahuch nahi sakti
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