दारोगा की लापरवाही से लूट कांड के आरोपी हुए आजाद

|नि० सं०|24 मार्च 2014|
मधेपुरा जिले में एक दारोगा की लापरवाही ने लूट कांड के दो आरोपियों को जेल से बाहर कर दिया है. इसे माना जा सकता है कि जानबूझ कर आरोपियों को जेल से बाहर निकाल देने की वजह से पुलिस ने लापरवाही दिखा दी.
      मामला मुरलीगंज थाना कांड संख्यां 28/2013 से जुड़ा है जो वर्ष 2013 के 10 मार्च को मुरलीगंज के रतनपट्टी मोड़ के पास हुई एक लूट की है जिसमें नीरज कुमार वर्मा नामके एक व्यक्ति से अज्ञात अपराधियों ने 46 हजार रूपये लूट लिए थे.
      मामले के अनुसंधान का भार मुरलीगंज में पदस्थापित तत्कालीन एसआई विमल कुमार मंडल को सौंपा गया और उनके स्थानांतरण के बाद एसआई राम कुमार सिंह को अनुसंधान का भार सौंपा गया. राम कुमार सिंह ने पहले तो चुस्ती का परिचय देते हुए अज्ञात अपराधियों को ढूंढ निकालने का दावा किया और पूर्णियां और मधेपुरा जिले के जिले के अंकित कुमार, संकित कुमार और अखिलेश कुमार को केस में नामजद कर दिया. और फिर न्यायालय से कुर्की से पहले की प्रक्रिया इश्तेहार की मांग कर दी. तीन में से घबराए दो आरोपियों संकित और अखिलेश कुमार ने मधेपुरा के सीजेएम के कोर्ट में 21 दिसंबर 2013 को सरेंडर कर दिया.
      पर इसके बाद पुलिस मानो सो गई. भारतीय क़ानून की धारा 167(2) दंड प्रक्रिया संहिता के मुताबिक जब कोई केश के अनुसंधान के क्रम में जब कोई आरोपी जेल जाता है तो अनुसंधानकर्ता को कुछ धाराओं में 60 दिन और कुछ धाराओं में 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र समर्पित करना होता है. यदि ऐसा नहीं किया गया तो आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया जाता है. लूट की इस वारदात (धारा 392, 120 B IPC) में अनुसंधान कर रहे दारोगा जी को अभियुक्तों के जेल जाने के 90 दिनों के अंदर आरोप पत्र समर्पित करना था. पर दारोगा ने लापरवाही दिखा दी और मौके की ताक में रहे अधिवक्ता राजेश नंदन ने न्यायालय से धारा 167(2) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दोनों आरोपियों को जमानत पर मुक्त करा लिया.
      ऐसे मामले पुलिस के पार्ट में बड़ी लापरवाही मानी जाती है और अक्सर पुलिस अधीक्षक ऐसे लापरवाह अनुसंधानकर्ता पर विभागीय कार्यवाही शुरू कर देते हैं. अब देखना है कि ताजा मामले में मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक कितनी गंभीरता दिखाते हैं.
दारोगा की लापरवाही से लूट कांड के आरोपी हुए आजाद दारोगा की लापरवाही से लूट कांड के आरोपी हुए आजाद Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 24, 2014 Rating: 5

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