यूनिवर्सिटी फिर बना अखाड़ा: वीसी और पुलिस के साथ एआईएसएफ की तीखी बहस

 |मुरारी कुमार सिंह|01 मार्च 2014|
दशकों की मंडल विश्वविद्यालय को लूट खाने वाले तथाकथित शिक्षाविदों ने छात्रों की पढ़ाई को इस कदर बर्बाद कर रखा है कि यदि गुणवत्ता के आधार पर सही आंकड़े प्रस्तुत लिए जाएँ तो मंडल विश्वविद्यालय दुनियां का सबसे घटिया विश्वविद्यालय साबित होगा. राष्ट्रनिर्माता कहे जाने वाले शिक्षकों ने अपनी संपत्ति निर्माण में कोई कोरकसर बाक़ी नहीं रखा और पढ़ाई को भी भांड में झोंकने में इनका बड़ा योगदान है. यदि यही हाल बरक़रार रहा तो वो दिन दूर नहीं जब विश्वविद्यालय खून-खरने का अड्डा बनकर रह जायेगा.
      यूनिवर्सिटी की दुर्गति से त्रस्त आज एआइएसएफ (अखिल भारतीय छात्र संघ) से  जुड़े दर्जनों छात्रों ने आज उग्र प्रदर्शन किया. वीसी के अपने चेंबर में नहीं रहने के कारण छात्रों ने उनके घर जाकर अपनी मांगों को रखा. पर बात बनती नहीं दिख रही थी. स्थिति तनावपूर्ण हो गई और मधेपुरा के एसडीओ बिमल कुमार सिंह तथा एसडीपीओ कैलाश प्रसाद को वहाँ जाकर हस्तक्षेप करना पड़ा. सीपीआई नेता प्रमोद प्रभाकर भी मौके पर पहुँच कर दोनों पक्षों में समझौता कराने के प्रयास में दिखे.
      इस दौरान एआइएसएफ के संयुक्त सचिव हर्षवर्धन सिंह राठौर कुछ पल के लिए अचेत भी हो गए और उनके चेहरे पर पानी के छींटे मारकर उन्हें होश में लाना पड़ा.
      बाद में बड़ी मशक्कत के बाद पूरी स्थिति पर नियंत्रण किया जा सका. हर्षवर्धन सिंह राठौर ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि उनकी मांगों में यूनिवर्सिटी में पीजी नामांकन में 45 सीट की बढ़ोतरी, पीजी प्रीवियस की परीक्षा, बीएड (2012-13) की परीक्षा, बीए पार्ट II की परीक्षा, प्री पीएचडी की कॉपी का पुनर्मूल्यांकन, बीसीए की राजभवन से मान्यता, आंदोलनकारी छात्रों व छात्र नेताओं पर हुए एफआईआर की वापसी आदि शामिल है.
यूनिवर्सिटी फिर बना अखाड़ा: वीसी और पुलिस के साथ एआईएसएफ की तीखी बहस यूनिवर्सिटी फिर बना अखाड़ा: वीसी और पुलिस के साथ एआईएसएफ की तीखी बहस Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 01, 2014 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.