दुर्गापूजा का उल्लास चरम पर है. कल देवी के पट
खुलते ही विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमरने लगी. माँ दुर्गा की
पूजा-आराधना में लोग लीन हो गए हैं. पंडाल सज चुके हैं और प्रशासन ने भी अपनी कमर
कस ली है.
आज
अष्टमी के दिन सुबह से ही मंदिरों में महिलाओं ने खोइंछा भरना शुरू कर दिया. जिला
मुख्यालय के विभिन्न मंदिरों में सजावट भव्य है और पूरा माहौल घंटे और नगाड़ों की
थाप से भक्तिमय हो चला है. मंदिरों के आसपास मेले लग चुके हैं और महिलाओं और
बच्चों की भीड़ कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रही है. जिला मुख्यालय के मेन रोड में बड़ी
दुर्गा मंदिर की भीड़ को नियंत्रित करना पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती भरा काम होता
है. जबकि स्टेशन परिसर, बंगाली दुर्गा स्थान तथा गोशाला स्थित लगे मेले मुख्य सड़क
के किनारे नहीं होने के कारण अपेक्षाकृत अधिक सुविधाजनक है.
मुख्य
सड़क पर मधेपुरा पुलिस ने दो बैरियर लगा दिए हैं जिससे भीड़ के समय वाहनों के
आवाजाही पर लगाम लगाया जा सके. मेला व आसन्न भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल
लगाये गए हैं.
पर इस
मेले में भक्तों के साथ-साथ उचक्कों की भी सक्रियता निश्चित तौर पर दिखाई जायेगी
जो प्रशासन के लिए चुनौती साबित होगा.
महा अष्टमी की महाधूम: माँ दुर्गा की भक्ति से सराबोर मधेपुरा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 12, 2013
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