कोसी में दो रूपये में बिक रहा है बचपन

एसडीओ शम्भूनाथ झा
 |रणजीत राजपूत, सहरसा |18 जुलाई 2013| सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के 82 किलोमीटर कोशी बांध पर हो रहे फ्लड फाईटिंग के लिए बोल्डर, बोरे में बालू भरने के काम अधिकारी और ठीकेदार के आँखों के सामने बच्चों से करवाए जा रहे हैं. सरकार और तंत्र को मुंह चिढ़ा रहे है ये बाल मजदूर और यहाँ उड़ाई जा रही है खुलेआम अफसर और बाबुओं के सुशासन में कानून की धज्जियाँ. मधेपुरा टाइम्स के कैमरे के सामने ठीकेदार मोहम्मद जावेद बहाना बनाते हैं हैं कि हो सकता है कोई बच्चा पिता को खाना पहुंचाने आया होगा तो उसी दौरान कुछ मदद कर रहा होगा. पर जब काम में लगे बच्चों से पूछा गया तो उसने बताया कि ठीकेदार के कहने पर वे काम कर रहे हैं और उन्हें एक बोरी भरकर ढोने के मात्र दो रूपये दिए जा रहे हैं. एक बूढ़ा मजदूर साफ़ शब्दों में कहता है कि गरीबी है, कोई दूसरा उपाय नहीं है.
      पर सदर एसडीओ शम्भूनाथ झा मामले को गंभीरता से लेते हैं. कहते हैं करेंगे अधिकारी और ठीकेदार पर कार्यवाही.
      खेलने और खाने के दिन में आज भी कोशी के हर क्षेत्र में बाल मजदूरी धड़ल्ले से हो रही है और अधिकारी अनजान से बने हैं. भारत का बचपन बोझ ढोता नजर आ रहा है और बचपन बालू कि भीत पर दो रूपये में तबाह होता स्पष्ट है.
कोसी में दो रूपये में बिक रहा है बचपन कोसी में दो रूपये में बिक रहा है बचपन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 18, 2013 Rating: 5

1 comment:

  1. 1 buda akele kitna rupe kama paaegaa. is tarah bachche ko bhi apne saath kaam par laga dete hai ki 4 paise jyada kamaen. fir ye kaam to roj roj milne se rahe. saal me kuchh din ka mauka milata hai. 4 paise jama kar lenge to kuchh jyada ddin hi roti ki jugad ho paayegaa. yehi soch kar kaam par le aate hai bachchon ko v. bade umra ke log to pardesh jaakar v kama laate hai.
    ab sawal ye bhi hai ki bachchon ko kaam par nahi rakhegen to bechare garib majdoor ko saal me jyada din kaam mile. iske lie MNREGA bhi nakamyaab hai.... kya kare aakhir paapi pet ka sawal hai....

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