महर्षि मेही दास की 129वीं जयन्ती मनाई गई

 |राजीव रंजन|24 मई 2013|
महर्षि मेही दास जी की 129वीं जयन्ती आज जिले भर में धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर आज जिला मुख्यालय व सिंहेश्वर सहित जिले के अन्य भागों में महर्षि मेही दास जी के भक्तों ने प्रभात फेरियां निकालीं. जुलुस में महिला भक्तों की भी भारी तायदाद थी और महर्षि मेही की जयजयकार से इलाका गूँज रहा था. महर्षि मेही की जयंती के अवसर पर आज जिले भर में भजन-कीर्तन तथा सत्संग का आयोजन किया गया है.
      भक्तों ने महर्षि मेही दास जी के जीवनी की व्याख्या करते हुए कहा कि महर्षि जी का अवतरण विक्रम संवत 1942 के वैशाख शुक्ल चतुदर्शी तदनुसार 28 अप्रैल सन 1885 ई० को बिहार प्रान्त के मधेपुरा जिला के महुआ खोकसी श्याम ग्राम में अपनी नानी के घर हुआ था. बचपन से ही आपके सिर पर सात जटाए थी जो प्रतिदिन कंघी से सुलझाने पर भी पूर्वरत रूपांतरित हो जाती थी. ये आश्चर्यमयी घटना मानो आपके नर-रूप में नारायण होने की पूर्व सूचना दे रही थी. बचपन में इनका नाम नाम श्री रामानुग्रह लाल दास जी रखा गया था.
      चार वर्ष की अति अल्प आयु में ही महर्षि जी की माता जी का देहावसान हो गया. पूज्य पिता श्री बबुजन लाल दास जी और बड़ी बहन झूलन देवी जी ने अपने स्नेह और सुविधापूर्ण वातावरण में इनका पालन-पोषण किया. गाँव के ही पाठशाला में कैथी लिपि के साथ-साथ अपनी दिव्य प्रतिभा के कारण अल्पकाल में ही नागरी लिपि भी सीख ली और ग्यारह वर्ष की अवस्था में पूर्णिया जिला स्कूल में विद्याध्यन के लिए भर्ती कराये गए. महर्षि शुरू से ही उर्दू, फ़ारसी और अंग्रेजी भाषा की पड़ाई के साथ-साथ अध्यात्मिक ग्रंथो का अध्धयन किया करते थे और भगवन शिव को इष्ट मानकर उनकी आराधना करते थे.
महर्षि मेही दास की 129वीं जयन्ती मनाई गई महर्षि मेही दास की 129वीं जयन्ती मनाई गई Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 24, 2013 Rating: 5

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