अस्पताल में दलालों के कारण चली गई मासूम की जान ?

|वि० सं०|24 मई 2013|
गुरूवार को जीतपुर-भतखोडा में हुई बस दुर्घटना में एक लड़के की मौत हो गई. घायलावस्था में जब दस वर्षीय गुड्डू को सदर अस्पताल मधेपुरा लाया गया था तब उसकी हालत नाजुक तो थी पर चिकित्सकों ने उसे बचाने की भरपूर तैयारी कर ली थी. यहाँ पाठकों को बता दें कि सदर अस्पताल मधेपुरा का ब्लड बैंक भी इन दिनों समृद्ध सा दिखता है. मो० गुड्डू को तत्काल खून चढाने की आवश्यकता थी और सदर अस्पताल के चिकित्सक इसकी तैयारी में लग गए थे.
      पर...शायद गुड्डू को जिन्दा नहीं बचना था. सूत्र बताते हैं कि वहां मौजूद कुछ दलालों ने गुड्डू के परिजनों को यह कहकर डरा दिया कि यहाँ की व्यवस्था उतनी अच्छी नहीं है यदि इसकी जान बचानी है तो बाहर के चिकित्सक के पास ले जाइए. गुड्डू को तड़पता देख परिजन उलझन में पड़ गए और मो० गुड्डू को वहाँ के लेकर किसी निजी क्लिनिक की ओर चले गए. सदर अस्पताल में की गई गुड्डू को बचाने की तैयारी धरी की धरी रह गई और उधर गुड्डू ने निजी क्लिनिक में दम तोड़ दिया.
      यह कहने में हमें जरा भी संकोच नहीं है सदर अस्पताल में इन दिनों कुछ निजी क्लिनिकों और बाजार के लैब के दलालों का जमावरा रहता है जो खासकर लाचार और गरीब रोगियों को दिग्भ्रमित कर बाहर की व्यवस्था में ले जाते हैं और वहाँ से इस कुकर्म का कमीशन पाते हैं.
अस्पताल में दलालों के कारण चली गई मासूम की जान ? अस्पताल में दलालों के कारण चली गई मासूम की जान ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 24, 2013 Rating: 5

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