संसाधन से जूझती मधेपुरा पुलिस: कैसे करे अपराध नियंत्रण ?

|ओम प्रकाश|23 फरवरी 2013|
सूबे में अपराध नियंत्रण की समस्या पर मीटिंग पर मीटिंग तो होती रहती है पर संसाधनों की मार झेलती बिहार पुलिस की स्थिति सुशासन में भी सुधरती नजर नहीं आ रही है. मधेपुरा पुलिस के कई दावों में तो दम एकदम नहीं दिखता है. मधेपुरा पुलिस के कई जंग लगे हथियारों की क्षमता का तो नहीं पता पर कई मौके पर हमने मधेपुरा पुलिस के वाहनों को फिसड्डी होते जरूर देखा है.
      बानगी 1: समाहरणालय परिसर में सदर थाना की मोबाइल जीप फंस जाती है. वही मोबाइल जीप जो अपराधियों को खोजने और डराने इलाके में निकला करती है. फंसी जीप को निकालने आम लोगों की मदद लेती है पुलिस. किसी तरह जीप निकाला जाता है और वहाँ नजर आती है हांफती पुलिस.
      बानगी 2: दरभंगा प्रक्षेत्र के आईजी जे.एस.गंगवार मधेपुरा के दौरे पर रहते हैं. विधि व्यवस्था को देख रहे डीएसपी होम द्वारिका पाल की जीप अचानक खराब हो जाती है और उन्हें पैदल ही सड़क पर चलकर सबकुछ संभालना पड़ता है. ये पहला मौका नहीं था जब डीएसपी की जीप ड्यूटी के दौरान खराब हुई हो.
      यही नहीं सड़कों पर चलते कई बार आपको ऐसे पुलिस जीप नजर आ जायेंगे जो टोचन तकनीक से गैरेज तक पहुंचाए जाते हैं.
      स्थिति सामान्य हो तो ऐसे मामले सामान्य से दीख सकते हैं. पर कल्पना कीजिए अपराधियों से मुठभेड़ के दौरान अचानक ये पुलिस जीपें खराब हो जाती है. आगे का अंजाम सोचकर शायद लोग सिहर जाएँ.
      जाहिर सी बात है दावों के पीछे का सच मधेपुरा पुलिस के मामले में कुछ और ही दिखता है.
संसाधन से जूझती मधेपुरा पुलिस: कैसे करे अपराध नियंत्रण ? संसाधन से जूझती मधेपुरा पुलिस: कैसे करे अपराध नियंत्रण ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 23, 2013 Rating: 5

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