सहरसा में छात्रा के साथ दुर्व्यवहार के प्रयास के मामले में हैं कई पेंच

राजीव रंजन /25/12/2012
सहरसा में एक स्कूली छात्रा के साथ एक कथित दुर्व्यवहार के मुद्दे पर भले ही भीड़ ने आंदोलन का रूप अख्तियार कर लिया हो, पर उस घटना में अब भी कई पेंच बाक़ी है जिन्हें सुलझाना पुलिस के लिए भी टेढी खीर है. आरोप जहाँ तक पूर्व सांसद और मंडल कारा सहरसा में बंद आनंद मोहन के एक समर्थक अवनीश कुमार पर छात्रा के परिजनों द्वारा लगाया गया है, लेकिन आनंद मोहन सीधे तौर पर इसे एक साजिस करार देते हैं. बकौल आनंद मोहन सहरसा की घटना के समय अवनीश उनके साथ मुजफ्फरपुर में थे जहाँ आनंद मोहन एक मामले में न्यायालय में पेशी के लिए गए हुए थे. घटना की जानकारी उन्हें कुछ ही देर के बाद हुई थी और उन्होंने तुरंत ही वहाँ मीडिया के सामने आरोपी अवनीश को प्रस्तुत कर दिया था. मामले की जांच अब सहरसा पुलिस कर रही है और अवनीश ने भी पुलिस के सामने समर्पण कर दिया है.
            फ्रेंड्स ऑफ आनंद के कई समर्थकों का कहना है कि कथित पीड़ित छात्रा के चचेरे भाई गोलू से अवनीश की पुरानी दुश्मनी चली आ रही है. उनका कहना है कि हाल में लवली आनंद और चेतन आनंद की रैलियों से घबराए आनंद मोहन के विरोधियों की उन्हें बदनाम करने की साजिस के तहत फ्रेंड्स ऑफ आनंद के सक्रिय सदस्य अवनीश को छात्रा के साथ जबरदस्ती करने के मामले में फंसाया गया है. सही जांच हो तो सच सामने होगा. समर्थकों का यह भी कहना है कि ऐसा उस समय इसलिए किया गया कि पूरे देश में महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे ताकि मामला जल्द ही तूल पकड़ ले. साथ ही साथ आगामी 23 जनवरी को सहरसा के पटेल मैदान में आनंद मोहन के समर्थकों द्वारा होने वाली न्याय रैली को भी प्रभावित करने के उद्येश्य से भी विरोधियों के द्वारा ये षड्यंत्र रचा गया है ऐसा समर्थकों का मानना है.
            जो भी हो, पुलिस मामले की जांच कर रही है और यदि घटना के वक्त अवनीश सच में मुजफ्फरपुर में आनंद मोहन के साथ पाए जाते हैं तो सहरसा में छात्रा मामले में तीन दिनों तक प्रशासन की नाक में दम करने वाले आंदोलनकारियों को भेड़ की भीड़ ही कहा जा सकता है. पर यदि अवनीश घटना के वक्त घटनास्थल पर मौजूद पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ निश्चित ही सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए.
सहरसा में छात्रा के साथ दुर्व्यवहार के प्रयास के मामले में हैं कई पेंच सहरसा में छात्रा के साथ दुर्व्यवहार के प्रयास के मामले में हैं कई पेंच Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 25, 2012 Rating: 5

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