मुख्यमंत्री के आदेश को भी धता बता रहे हैं प्रभारी जिलाधिकारी

नि० सं०/08/11/2012
जिले में कुछ हो या न हो एक बात तो जरूर हो रही है और वो है मीटिंग, मीटिंग और सिर्फ मीटिंग. और इस मीटिंग के चलते मुख्यमंत्री के आदेश की भी धज्जियाँ उड़ रही है जिले में. बता दें कि प्रत्येक वृहस्पतिवार को जिला मुख्यालय के समाहरणालय में जिलाधिकारी को जनता दरबार लगा कर लोगों की फ़रियाद सुन उन्हें न्याय दिलाने का सरकारी आदेश है. मुख्यमंत्री का यह भी आदेश है कि जनता दरबार के दिन किसी भी तरह के सरकारी मीटिंग या प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिलाधिकारी नहीं करेंगे ताकि पीडितों की फ़रियाद अनसुनी न रह जाय. इस बावत मुख्यमंत्री के आदेश के आलोक में राज्य के मुख्य सचिव ने अपने ज्ञापांक 3 सी एस एम मु० स० 08/2012 663 पटना दिनांक. 12.10.2012 के द्वारा बिहार के सभी जिलाधिकारी को पत्र भेजकर आगाह भी किया है. लेकिन मधेपुरा के प्रभारी जिलाधिकारी हैं इस आदेश से बेपरवाह और हैरत की बात तो यह है कि जिलाधिकारी ने खुद जिले के सभी प्रमुख पदाधिकारी को मुख्य सचिव के इस आदेश की लिखित सूचना भी भेजी है.
                  सरकार के आदेश और अन्य पदाधिकारियों को भेजे अपने आदेश को दरकिनार करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी आज कुछ घंटों को छोड़ लगभग पूरे दिन अलग-अलग विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक में मशगूल रहे और जिले के कोने कोने से आये पीड़ित अपनी फ़रियाद सुनाने के लिए भटकते रहे. कई फरियादी जनता दरबार में जिलाधिकारी को न देखकर निराश होकर वापस भी लौट गए. यानी पीडितों की गुहार रह गयी अनसुनी और प्रभारी जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री तक के आदेश को दिखा दिया ठेंगा. इस बावत प्रभारी जिलाधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया परन्तु मीटिंग में व्यस्त रहने के कारण उनकी प्रतिक्रिया नही ली जा सकी.
मुख्यमंत्री के आदेश को भी धता बता रहे हैं प्रभारी जिलाधिकारी मुख्यमंत्री के आदेश को भी धता बता रहे हैं प्रभारी जिलाधिकारी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 08, 2012 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.