कुर्बानी का त्यौहार ईद-उल-अजहा मनाया जा रहा जिले में

संवाददाता/27/10/2012
कुर्बानी का प्रसिद्ध त्यौहार ईद-उल-अजहा या बकरीद आज जिले भर में सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जा रहा है. जिला मुख्यालय में आज सुबह साढ़े आठ बजे ईदगाह में मुस्लिम भाइयों ने ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की फिर एक दूसरे के गले मिलकर ईद-उल-अजहा की बधाइयाँ दी.
            बकरीद के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए समाजसेवी शौकत अली बताते हैं कि अल्लाह ने हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए उन्हें अपनी सबसे प्रिय वस्तु की कुर्बानी देने को कहा था. हजरत साहब ने आँख बंद कर अपने पुत्र की कुर्बानी दे डाली थी. पर आँखें खोलने पर उन्होंने पुत्र की जगह बकरे को कटा पाया. तब से इस दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती रही है. वे कहते है ये पर्व त्याग और कुर्बानी का पर्व है जो समाज में भाईचारे को बढ़ाता है.
            ऐसा रिवाज है कि आज के दिन बकरे की कुर्बानी देने के बाद इसके गोश्त को तीन हिस्सों में बाँट दिया जाता है. पहला हिस्सा खुद व अपने परिवार के लिए दूसरा हिस्सा दोस्तों के लिए रखकर तीसरा हिस्सा ग़रीबों में बाँट दिया जाता है.
            बकरीद के इस अवसर पर विधि व्यवस्था की तैयारी पूरी कर ली गयी है. ईदगाह पर नमाज अदा के समय भी पुलिस की चुस्त व्यवस्था दिखी.
कुर्बानी का त्यौहार ईद-उल-अजहा मनाया जा रहा जिले में कुर्बानी का त्यौहार ईद-उल-अजहा मनाया जा रहा जिले में Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 27, 2012 Rating: 5

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