‘टूअर’ हुआ मधेपुरा: चरमराई मोबाइल और बिजली की सेवाएं

संवाददाता/13 जून 2012
बिजली के मामले में जैसा लोग सोच रहे थे,वैसा ही हुआ.पिछले दिनों सांसद शरद यादव जब मधेपुरा में थे,तो इस भीषण गर्मी में लोगों को थोड़ी राहत बिजली के लगातार रहने से मिल रही थी.पर सांसद महोदय के रूखसत होते ही अब बिजली पहले से भी कम मिलने लगी है.लगभग तीन मेगावाट में मधेपुरा जिला गुजर बसर कर रहा है और लोग परेशान हैं.जिले के लोगों की रातों की नींद हराम हो चली है.पसीने से चिपचिपाते मधेपुरा के लोग आजकल जमकर प्रशासन और सरकार को कोस रहे हैं.प्रकृति के कोप से बचने के लिए रात में अधिकाँश लोग अब प्रकृति की गोद में रात बिताना बेहतर समझ रहे हैं.घरों की मच्छरदानियाँ अब छत और आँगन की शोभा बढ़ा रही हैं.बहुत से घरों में तो लगाने और खोलने के झंझट से लोग चौबीस घंटे मच्छरदानी को खुले में लगा छोड़ रहे हैं.शायद वे जानते हैं कि मधेपुरा बिजली की स्थिति सुधरने वाली नहीं है.
   यही हाल लगभग चार दिनों से बीएसएनएल की है. भाई साहब नहीं लगेगा की तर्ज पर लगता है बीएसएनएल की सेवा चरमरा कर टूट ही गयी है.एक तो कहीं फोन लगता नहीं है और यदि लगता भी है तो आवाज ही नहीं सुनाई देती है. सबसे हैरत की बात तो यह है कि बात हुई भी नहीं और पैसे भी कट गए.स्टेट बैंक रोड में सायबर कैफे चलाने वाले अमरदीप तो यहाँ तक कहते हैं कि ये बीएसएनएल वालों की साजिश भी हो सकती है.इस तरह के गोरखधंधे से बीएसएनएल अरबों की नाजायज आमदनी कर लेगी.कस्टमर का क्या क्या है,वे तो कष्ट से मर ही रहे हैं.कुल मिलाकर हालात ये हैं कि मधेपुरा इन दिनों टूअर ही तरह हो चला है जिसका कोई माय-बाप नहीं है.
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1 comment:

  1. ab toh jaga ho Mahadev ke tarah, jaga ho Nitish bolna hoga ... Tabhi light ayegi.. ;)

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