टूटे हाथ लेकर इलाज के लिए भटक रही छात्रा:स्वास्थ्य सेवा बदहाल

रूद्र ना० यादव/२८ जनवरी २०१२
स्कूली छात्रा निशा के मामले में जिले की स्वास्थ्य सेवा का पोल खुलकर रह गया है.सदर अस्पताल मधेपुरा ने स्वीकार किया कि उसके पास हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं है और निशा को टूटे हाथ का इलाज कराने प्राइवेट क्लिनिक जाना ही होगा.मुरलीगंज प्रखंड के रजनी गाँव की निशा का हाथ स्कूल में खेलते वक्त टूट गया.इलाज के लिए निशा को मुरलीगंज स्वास्थ्य केन्द्र दाखिल कराया गया.प्राथमिक इलाज के बाद वहाँ से निशा को यह कहकर सदर अस्पताल मधेपुरा रेफर कर दिया गया कि मुरलीगंज स्वास्थ्य केन्द्र में हड्डी के डॉक्टर नहीं है.टूटे हाथ लेकर निशा अपने पिता मुकेश सिंह के साथ पहुंची सदर अस्पताल मधेपुरा.पर यहाँ तो हद ही पार हो गयी जब सदर अस्पताल मधेपुरा में यह कहा गया कि निशा का इलाज जिले के सरकारी अस्पताल में नहीं हो सकता.चूंकि सदर अस्पताल में एक भी हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं है इसलिए उसे प्राइवेट क्लिनिक जाना होगा.सिविल सर्जन ने भी खुलेआम कहा कि उनके पास हड्डी के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है.
   एक तरफ स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर को बाहर की दवा लिखने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने की बात करते हैं, दूसरी तरफ सदर अस्पताल मधेपुरा में हड्डी के डॉक्टर नहीं रहने के कारण लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.मंत्री जी का बयान अपने-आप में हास्यास्पद लगता है. चंदा और कर्ज लेकर प्राइवेट क्लिनिक में बेटी इलाज कराने को मजबूर हैं बेबस पिता मुकेश सिंह.स्थानीय लोगों में भी इस बात को लेकर आक्रोश है और बहुत से लोग नीतीश सरकार को भी इस मुद्दे पर कोसने लगे हैं.
टूटे हाथ लेकर इलाज के लिए भटक रही छात्रा:स्वास्थ्य सेवा बदहाल टूटे हाथ लेकर इलाज के लिए भटक रही छात्रा:स्वास्थ्य सेवा बदहाल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 28, 2012 Rating: 5

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