और जब कोसी ने शिव को भी नहीं बख्शा

 रूद्र ना० यादव/१६ दिसंबर २०११
आलमनगर के मुरौत गाँव का शिव मंदिर.कहते हैं ये मंदिर सौ साल से भी पुराना है.कोसी के कटाव ने अब इस मंदिर को भी लीलना शुरू कर दिया है.इस गाँव के बसने के साथ ही शायद इस मंदिर का निर्माण हुआ था और आशंका व्यक्त की जा रही है कि अब गाँव जब समाप्ति की कगार पर है तो इस मंदिर की अंतिम दीवारों ने भी दम तोडना शुरू कर दिया है.जिस समय भगवान शिव का ये मंदिर बना था उस समय कोसी इस गांव से पांच किलोमीटर दूर से बह रही थी.जानकार कहते हैं कि ये कोसी का चरित्र है कि वह अपना रास्ता बदलती रहती है.कोसी ने जब मुरौत को अपने में समाना प्रारम्भ किया और नदी जैसे ही मंदिर के पास पहुंची लोगों की आस्था डगमगाने लगी.अभी तक भक्त यही मानकर चल रहे थे कि गंगा शिव के जटा से निकली हुई है और कोसी ठहरी गंगा की छोटी बहन.पिता समान शिव के इस मंदिर का कोसी कुछ नहीं बिगाड़ सकती है.पर बहुत से भक्तों का ये भी मानना है कि पृथ्वीलोक पर मंदिरों की रक्षा में मनुष्यों की भी अहम भूमिका होती है.
        सरकार और स्थानीय मंत्री ने न तो मुरौत को बचाने की कोई सार्थक पहल की और न ही लोगों की धार्मिक आस्था को.हालात बिगड़ते गए और अब इस मंदिर का एक हिस्सा नदी में समा चुका है.दीवारें ढहने लगी है और अब ये कोई नहीं कह सकता कि ये मंदिर और कितने दिनों का मेहमान है.गाँव वाले क्षुब्ध होकर कहते हैं कि इस मंदिर को बचाने का प्रयास नहीं करने वाले जिम्मेवार लोगों को भी इसकी कीमत चुकानी होगी.
और जब कोसी ने शिव को भी नहीं बख्शा और जब कोसी ने शिव को भी नहीं बख्शा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 16, 2011 Rating: 5

2 comments:

  1. jahan tak facebook par fake sites ka sawal uthta hai, to yeh ek tarah se public ke manoranjan-sadhan hi hai,bus iska misuse nahi hona chahiye,yani ashlilta ko badhawa mat dijie.

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  2. GRAM-PANCHAYTON MEIN MUKHIYA KI JAGAH DALAL DEKH RAHE HAIN PANCHAYAT KI KARYAWAHI AND YOJNA.ANGANBARI SEVIKA LAKHPATI HO RAHIN HAI 6 MAHINE MEIN.MURLIGANJ PRAKHAND KE BELO PANCHAYAT ME HO JANCH,VIDHI-VYAWASTHA BHRAST HAI.

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