जाम से त्रस्त जिला,ट्रैफिक पुलिस का कॉन्सेप्ट ही नहीं

राकेश सिंह/०५ नवंबर २०११
कमोबेश पूरा जिला ही अब ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझने लगा है.घंटों सड़क पर जाम में फंसे लोग निकलने का इन्तजार करते रहते हैं.चाहे मधेपुरा का मुख्य मार्ग हो या फिर मुरलीगंज का बाजार,समस्या एक जैसी ही है.छठ के समय में मुरलीगंज की जाम की स्थिति अत्यंत दयनीय थी.लोगों के मुताबिक ऐसा जाम उन्होंने इस जिंदगी में नहीं देखा था.पैदल भी दस कदम आगे बढ़ने में घंटों लग रहे थे.भीड़ के बीच कहीं-कहीं महिलायें और बच्चे चक्कर आने और उलटी होने के कारण बैठ गए थे.जाम छुड़ाने तैनात एक सिपाही खुद जाम में फंसा सा था.
    जिले में जाम लगने के कारण तो कई हो सकते हैं,पर एक महत्वपूर्ण समाधान यातायात पुलिस का जिले में कॉन्सेप्ट ही नहीं है.जिला प्रशासन की उदासीनता आम लोगों की परेशानी का कारण है,जबकि अब जिले में लोगों की आबादी तो काफी बढ़ ही चुकी है,साथ ही साथ हाल के वर्षों में वाहनों की संख्यां में भी अत्यधिक वृद्धि दर्ज की गयी है.सड़कों का अतिक्रमण जहाँ इस समस्या का एक बड़ा कारण है वहीं लोगों में भी ट्रैफिक सेन्स का घोर अभाव है.जल्दी निकल जाने की होड़ में सड़क पर जाम की स्थिति पैदा कर देने में लोगों का भी हाथ होता है.
   जिले में जाम की स्थिति जितनी भी बदतर हो,यह बात लगभग तय लगती है कि यदि बाजार को अतिक्रमण से मुक्त करा दिया जाय और ट्रैफिक पुलिस की व्यवस्था जिले भर में कर दी जाती है तो निश्चय ही जाम की स्थिति से लोगों को बड़ी रहत मिल सकती है.
जाम से त्रस्त जिला,ट्रैफिक पुलिस का कॉन्सेप्ट ही नहीं जाम से त्रस्त जिला,ट्रैफिक पुलिस का कॉन्सेप्ट ही नहीं Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 05, 2011 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.