महज कुछ ही सेकेण्ड के इस तीव्र झटके ने जिले में कई मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है.जिले के एकाध मकान तो इस तरह क्षतिग्रस्त हुए कि कई जानें जाने से बाल-बाल बचीं.जिला मुख्यालय के क्लब रोड स्थित न्यायिक पदाधिकारियों के आवास में भूकंप से आई दरार से इन घरों के लोग अभी भी दहशत में हैं.जिला न्यायालय में मुंसिफ दीपक कुमार के आवास का एक हिस्सा मानो पूरी बिल्डिंग से टूटकर अलग होने को तैयार था.मोटी दीवारों में पड़ी दरारों में से बाहर की रोशनी भी दिख रही है.लगभग यही स्थिति निचले तल्ले पर रह रहे न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार के आवास का भी हुआ.मुंसिफ दीपक कुमार के बेटे राघव कालरा के मन से दहशत जाने का नाम नही ले रहा.राघव कालरा कहते हैं कि मैं उस समय टीवी देख रहा था कि अचानक आवाज हुई तो देखा कि दरवाजे के ऊपर से मिट्टी(बालू) गिर रहा था और वहां बड़ा सा दरार हो चुका था.मैं डर से चिल्लाया और भागा.अब दरार के उस तरफ वाले हिस्से में कोई नही जाता. पूरे जिले में कहीं से किसी के मरने या घायल होने के समाचार नहीं हैं,जो एक बड़ी राहत की बात है.पर यदि इस भूकंप की तीव्रता थोड़ी भी अधिक होती तो जिले को एक बड़ी बर्बादी का मुंह देखना पड़ सकता था.वैसे अभी भी जिले के लोग दहशत में देखे जा सकते हैं और हर जुबान अभी भी कल के भूकंप की ही चर्चा करता दिख रहा है.
राघव के दहशत भरे अनुभव को सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें.
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न्यायिक पदाधिकारियों के आवास में भूकंप से आई दरार,दहशत व्याप्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 19, 2011
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