राकेश सिंह/१९ सितम्बर २०११
भूकंप के झटके के बाद न्यायिक पदाधिकारियों के एक आवासीय भवन की हालत देखकर भवन प्रमंडल विभाग की पोल खुलती नजर आ रही है.इस भवन में पड़ी दरारें बनाने वाले के लूट की कहानी बयां कर रही है.इस भवन का खंडित हिस्सा कुछ ही महीने पहले बनाया गया था.गुणवत्ता का कितना ध्यान रखा गया,ये अब कहने की जरूरत नहीं है.भूकंप का झटका यदि थोड़ा भी ज्यादा होता तो कई जानें जा सकती थी,जो इस भवन को बनाने वाले अभियंता आर ठेकेदार लौटा नहीं सकते थे.जिले के अधिकाँश सरकारी निर्माण कार्य घटिया ढंग से ही हो रहे हैं और इनमे हो रही लूट में ऊपर से नीचे तक के अधिकारी शामिल रहते हैं.कमीशनखोरी पर आधारित निर्माण से जुड़े ठेकेदारों की पौ बारह है और ये करोड़ों में खेल रहे हैं.इनकी दबंगई के सामने कोई कुछ नहीं बोल पाता.आम जनता तो निरीह है जिसकी सुरक्षा भगवान भरोसे ही रहती है,अधिकारी भी इनके डर से कम भी मिलता है तो रख लेते हैं.निर्माण कार्य में नियमों को तो ताक पर रखा ही जाता है जिसका खुलासा मधेपुरा टाइम्स के कैमरे के सामने पूर्व कार्यपालक अभियंता ने अनजाने में कर दिया था.(सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें)
न्यायालय के भवन की बात करें या उसके बगल के फ्रैंकिंग मशीन वाले भवन की, घटियापन और गुणवता विहीनता साफ़ तौर से देखा जा सकता है.स्थिति देखकर यही लगता है कि निर्माण से जुड़े लोगों की संवेदना मर गयी है.और इनका दुस्साहस तो देखिये,जब न्यायालय से जुड़े कार्य में भी ये बड़ी राशि गटक जाते हैं तो बाक़ी काम को मटियामेट करने में इन्हें कैसा डर? इसमें शायद कोई शक नहीं कि यदि अभियंताओं और ठेकेदारों यही हाल रहा और प्रशासन के बड़े पदाधिकारी भी लूट में शामिल रहे या फिर मूक दर्शक बने रहें तो आने वाले समय में मधेपुरा को एक बड़े हादसे का मुंह देखना पड़ेगा.
अभियंता और ठेकेदार मचा रहे लूट,हो सकता है बड़ा हादसा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 19, 2011
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