सालाना आय 5 करोड़ 50 लाख: इन भिखारियों के लिए कुछ भी नहीं?

बिहार की राजधानी पटना में रेलवे स्टेशन के पास की सभी चीजें सुखद प्रतीत होती है और एक नजर में कहा जा सकता है कि पूरे बिहार का विकास हुआ हो या नहीं पर पटना बहुत ही विकसित हो चुका है.पास का महावीर मंदिर एक खुशनुमा एहसास दे जाता है.बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद् के नियमों के अंतर्गत इस मंदिर का संचालन  होता है. बताते हैं कि इस बिहार प्रसिद्ध मंदिर की सालाना आय 5 करोड़ 50 लाख रूपये है.पर मंदिर परिसर के बाहर भीख मांगते महिला, पुरुष और बच्चे निश्चित तौर पर ये दर्शाते हैं कि राज्य कितना भी विकसित हो गया हो,मंदिर की आमदनी कितनी भी हो गयी हो, हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं.हम पहले भी भीख मांगकर ही अपने परिवार का पेट चलाते थे और अब भी सरकार या ट्रस्ट की कोई ऐसी नीति हमारे लिए नहीं बनी जो इस पापी पेट को बिना भीख मांगे भर सके? बहुत बड़ी खाई है ऊपर के तबके और नीचे के तबकों के लोगों के बीच.एक तरफ यहाँ शॉपिंग मॉल आदि में करोड़ों रूपये बिना जरूरत के उड़ा दिए जाते हैं,दूसरी तरफ एक रूपये के लिए आस लगाए ये भी हमारी तरह मनुष्य ही हैं.
    सोचिये, क्या किसी भी राज्य को तबतक विकसित कहना उचित होगा जब तक कि अमीर और गरीब के बीच की इस खाई की गहराई को कम नही किया जाय? क्या कोई भी सरकार इनपर इसलिए ध्यान नही दे रही है कि ये शायद कहीं से वोटर नही हैं?
(मधेपुरा टाइम्स ब्यूरो)
सालाना आय 5 करोड़ 50 लाख: इन भिखारियों के लिए कुछ भी नहीं? सालाना आय 5 करोड़ 50 लाख: इन भिखारियों के लिए कुछ भी नहीं? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 08, 2011 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.