निरंतर मिहनत ही सफलता का मूलमंत्र है -कुमार गौरव (आईएएस)

कुमार गौरव, सिविल सेवा परीक्षा २०१०, में चयनित, रैंक १२१

व्यक्ति परिचय
नाम: कुमार गौरव
पिता का नाम: श्री मदन मोहन सिंह
माता का नाम: श्रीमती मंजू देवी
जन्म तिथि: १८.०२.१९८४
पता: ग्राम-पटोरी, थाना-सिंघेश्वर, जिला-मधेपुरा
शैक्षणिक योग्यता
मैट्रिक: १९९९ में सैनिक स्कूल तिलैया से,प्लस टू भी वहीं से २००१ में.
वर्तमान में एम ए के बाद इतिहास (ईस्ट इण्डिया कंपनी टॉपिक) से पीएचडी कर रहे हैं.
पूर्व चयन: सिविल सेवा का ही दो इंटरव्यू फेस किया था,पर अंतिम चयन नही हुआ था.
व्यक्ति विशेषताएं
आदर्श व्यक्तित्व: मेरे पापा
अभिरूचियां: स्पोर्ट्स देखना,खेलना, गाने सुनना, मूवी देखना, दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करना.
सबल पक्ष: बहुत मिहनती हूँ ,जो ठान लिया उसे पूरा कर के ही दम लेता हूँ.
निर्बल पक्ष: बहुत ज्यादा इमोशनल होना.
      सिविल सेवा परीक्षा २०१०, में चयनित होकर नि:संदेह श्री कुमार गौरव ने एक गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिसके लिए वे प्रशंसा तथा बधाई के पात्र है.मधेपुरा टाइम्स के प्रबंध संपादक राकेश सिंह के साथ उनकी लंबी बातचीत हुई जो मूलरूप से यहाँ प्रस्तुत है ताकि हमारे पाठकों को उनके अनुभव प्रेरित कर सकें.
मधेपुरा टाइम्स: सबसे पहले मधेपुरा टाइम्स परिवार की और से आपको इस उल्लेखनीय व उत्कृष्ट सफलता के लिए हार्दिक बधाई.
कुमार गौरव: जी बहुत-बहुत धन्यवाद.
म० टाइम्स: सिविल सेवा में चयनित होकर आपको कैसा महसूस हो रहा है? क्या आप अपनी सफलता के प्रति आश्वस्त थे?
कुमार गौरव: इस बार बहुत आश्वस्त था.सफलता के बाद खुशी बहुत ही ज्यादा है ,चूंकि माता-पिता बहुत अधिक खुश हैं,इसलिए परिवार के लिए मैं और भी ज्यादा खुश हूँ.
 म० टाइम्स: परीक्षाफल आने के पूर्व सफल लोगों के बारे में आपके क्या विचार थे?
कुमार गौरव: सफल लोग कुछ अलग नही होते.जो मिहनत करेंगे, उन्हें ही सफलता मिलेगी.कोई भी कठोर मिहनत करके सफलता अर्जित कर सकता है.
म० टाइम्स: आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगे ?
कुमार गौरव: अपने परिवार और दोस्तों को.
म० टाइम्स: आपने कितने प्रयासों में ये सफलता अर्जित की?
कुमार गौरव:कुल मिलकर ये मेरा चौथा प्रयास था,सिविल सेवा के लिए ये मेरा तीसरा इंटरव्यू था.
म० टाइम्स: आपकी सफलता का मूलमंत्र क्या है?
कुमार गौरव: लगातार मिहनत करना ही किसी की सफलता का मूलमंत्र हो सकता है.
म० टाइम्स: आपने साक्षात्कार के लिए कैसे तैयारी की,आपका साक्षात्कार कब हुआ एवं आपसे क्या-क्या प्रश्न पूछे गए?
कुमार गौरव: पहले ही दिन २२ मार्च को सतीव कुमार त्रिपाठी,चेयरमैन के बोर्ड के समक्ष मेरा इंटरव्यू हुआ था. इंटरव्यू में पूछे जाने वाले प्रश्नों में पीएचडी से और ईस्ट इंडिया कंपनी से सम्बंधित ज्यादा प्रश्न थे, मल्टीनेशनल कंपनी, भारत इन्फोर्मेशन टेक्नोलोजी का सेंटर क्यों बन गया है, के बारे में भी पूछे गए थे, साथ ही औरंगजेब कैसा प्रशासक था, के अलावे मेरे जन्म के साल और भी क्या महत्वपूर्ण घटनाएं हुई थी से भी सम्बंधित प्रश्न पूछे गए थे.मुझसे बिषय से ही ज्यादा प्रश्न पूछे गए थे.
म० टाइम्स: किस शैक्षणिक स्तर पर परीक्षार्थियों को इन प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए?
कुमार गौरव: ये अलग-अलग परिस्थितियों पर निर्भर करता है,मैंने एमए के बाद नेट-जे आर एफ करने के बाद तैयारी शुरू की थी.
म० टाइम्स: उन पत्रिकाओं और समाचार पत्रों के नाम बताएं जिन्हें आपने अपनी तैयारी हेतु अध्ययन किया?
कुमार गौरव:  द हिंदू, इन्डियन एक्सप्रेस,क्रॉनिकल सीरीज आदि
म० टाइम्स: मधेपुरा के विद्यार्थियों में अक्सर पटना या अन्य जगह जाकर
कोचिंग संस्थानों में पढाई करने का रुझान रहता है, इस सम्बन्ध में आप क्या सोचते हैं?
कुमार गौरव: मेरे ख्याल से कोचिंग कोई जरूरी नही है,यदि आप खुद मिहनत कर सकते हैं तो कोचिंग की आवश्यकता नहीं है..ये संस्थान लूट रहे है.इससे एक फायदा हो सकता है कि ये आपकी पढाई को सिर्फ रेग्युलर करता है.यदि आप खुद से निरंतर पढाई करने में सक्षम हैं तो इसकी आवश्यकता समाप्त हो जाती है.ये बिजनेस पहले है,एजुकेशन देना बाद इनका का लक्ष्य है.
म० टाइम्स: मधेपुरा के आगामी परीक्षार्थियों खासकर ग्रामीण व आर्थिक रूप से पिछड़े छात्र-छात्राओं को आप क्या सन्देश देना चाहेंगे?
कुमार गौरव: आज कल बहुत अवसर हैं.मैं भी एक साधारण परिवार से हूँ.मैंने भी स्कोलरशिप आदि की मदद ली है. गरीबी और पैसा कोई बाधा नही है.आप आर्थिक रूप से मजबूत नही भी हैं फिर भी आप किसी भी लक्ष्य को आराम से पा सकते है.
म० टाइम्स: आपका अगला लक्ष्य क्या है?
कुमार गौरव: अभी मैंने सोचा नही है,खुशी में डूब सा गया हूँ.हालांकि कभी रूकना नही चाहिए.मंजिल भले ही मिल गयी है पर अभी रास्ते और भी तय करने हैं.
म० टाइम्स: आपने जो समय व सहयोग दिया उसके लिए धन्यवाद.हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं.
कुमार गौरव: बहुत-बहुत धन्यवाद.
निरंतर मिहनत ही सफलता का मूलमंत्र है -कुमार गौरव (आईएएस) निरंतर मिहनत ही सफलता का मूलमंत्र है -कुमार गौरव (आईएएस) Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 24, 2011 Rating: 5

4 comments:

  1. Congratulations gaurav ji. I am agree with u.

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  2. congratulation gaurav ji.........
    thanks rakesh sir, aapne inki interview ko madhepura times pr prakashit krke IAS ki tyari krne wale students ki bhut help ki hai.....mujhe v inke interview ko padhkr dher sare chijon ki jankari mili hai.........

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  3. Well let me say with inflated chest that he is my CHAHCU.
    Really got a awsome opportunity to learn from him and receive constant support from him.

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  4. Congratulations to Mr Gaurav... and many thanks to Madhepura times for keeping me updated about my home town,,

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