मधेपुरा पुलिस के लिए कामयाबी का साल रहा 2010

आरक्षी अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा
राकेश सिंह/३० दिसंबर २०१०
मधेपुरा  के लिए २०१० में अगर उपलब्धि की बात करें तो एक बड़ी उपलब्धि मधेपुरा पुलिस के खाते में भी जाती है.२०१० का वर्ष माना जाय तो मधेपुरा के लिए अपराधमुक्त साल रहा.जहाँ मधेपुरा पुलिस ने अपने को काफी मजबूत साबित किया तो अपराधियों के हौसले पस्त नजर आये.क्षणिक आवेश और आपसी दुश्मनी के कारण हुए मार-पीट और हत्या के मामले शायद पुलिस रोक भी नही सकती,पर पेशेवर अपराधियों के द्वारा किये गए क्राइम के मामले में काफी कमी देखी गयी.एक को छोड़कर अपहरण का मामला पूरे साल में नही घटित हुआ.राहुल और पीयूष अपहरण कांड में भी पुलिस ने ऐसी दबिश बनायी कि अपराधियों ने घुटने टेक दिए और अपहरण के अगले दिन ही अपहृतों को सकुशल मुक्त कर दिया.जिले में क्राइम को कंट्रोल करने में वर्तमान आरक्षी अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा की स्ट्रेटजी को पूरा
श्रेय  जाता है.जनता दरबार में उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनकर सुलझाने का प्रयास किया,जिससे जनता का विश्वास उनपर जमा.आरक्षी अधीक्षक द्वारा चलाये गए स्पेशल ड्राइव ने अपराधियों की नींद और चैन छीन ली.पस्त होकर अधिकाँश ने न्यायालय में समर्पण कर दिया.समर्पण के बाद भी अपराधी चैन से नही रह सके.स्पीडी ट्राइल के मामले में भी २०१० में उपलब्धि दर्ज करने वाली हुई.स्पीडी ट्राइल के प्रभारी पदाधिकारी मो० इनामुलाह की तत्परता से गवाह न्यायालय में आने लगे और अपराधियों को सजा भी मिलने लगी.पुलिस गश्ती भी २०१० में काफी तेज दिखी.आरक्षी अधीक्षक खुद भी विभिन्न थानाध्यक्षों को लेकर रातों में भी गश्ती में व्यस्त दिखे.पुलिस की कर्मठता से आम जनता का भी विश्वास पुलिस पर कायम हुआ है.पहले जहाँ लोग पुलिस से कुछ कहने में डरते थे,पुलिस के सहयोगात्मक रवैया से लोग इस वर्ष पुलिस के काफी करीब हुए और अपनी बात कह सकने में आसानी महसूस करने लगे.वैसे कुछ मामलों में जनता ने भी न्याय अपने हाथों में लिया.रंगदारी की बात करें तो पूरे मधेपुरा के व्यापारी वर्ग इससे त्रस्त  थे. खासकर पिंटू यादव गिरोह का आतंक मधेपुरा में कायम था.मधेपुरा पुलिस की दबिश में सभी बड़े अपराधी इलाके को छोड़कर भाग खड़े हुए.इस वर्ष यदि चोर और वाहन चोरों ने आतंक मचाने का प्रयास किया तो पुलिस ने चोरों तथा वाहन चोरों के कई गिरोहों का भी पर्दाफाश किया.
   कुल मिलाकर यह वर्ष मधेपुरा पुलिस के लिए कामयाबी का वर्ष कहा जा सकता है.उम्मीद है आने वाले २०११ में मधेपुरा पुलिस और ज्यादा मजबूत होकर उभरेगी.
मधेपुरा पुलिस के लिए कामयाबी का साल रहा 2010 मधेपुरा पुलिस के लिए कामयाबी का साल रहा 2010 Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 30, 2010 Rating: 5

1 comment:

  1. Nischay hi majboot police kaptani ka yah natiza hai ki shahar me aman chain aur shanti ka mahaul kayam hai.Madhepura ki janta ke taraf se mai Shiv prakash S.P saheb ko dhanyabad deta hu.Meri kamna hai ki aane wala sal 2011 S.P Saheb ke sath sath pure police prashasan ke liye kamyabi aur safalta ka sandesh lekar hazir ho.

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