बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलराम दूबे ने कहा कि नालसा के निर्देशानुसार 30 सितंबर तक पूरे देश में यह अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अदालतों में लंबित मामलों का मध्यस्थता के माध्यम से त्वरित और शांतिपूर्ण समाधान करना है।
उन्होंने बताया कि जिन मामलों का समाधान मध्यस्थता के जरिये संभव है, उन्हें चिन्हित कर संबंधित पक्षों को नोटिस भेजा जा रहा है। इस प्रक्रिया में पीएलवी की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पीएलवी को ग्रामीण स्तर तक जाकर लोगों को अभियान की जानकारी देनी चाहिए ताकि वे अदालत की लंबी प्रक्रिया से बचकर आपसी समझौते से मामले सुलझा सकें।
जिलेभर में किया जा रहा प्रचार-प्रसार :
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मध्यस्थता के जरिए निपटाए गए मामलों में न तो अपील होगी और न ही रिवीजन, जिससे न्यायिक प्रक्रिया तेज और सुलभ हो सकेगी। उन्होंने पीएलवी को उनके दायित्वों और कार्यशैली के बारे में भी विस्तार से बताया।
डीएलएसए सचिव पूजा कुमारी शाह ने कहा कि जिले भर में पीएलवी के माध्यम से इस अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। डीएलएसए में नौ प्रशिक्षित मिडियेटर है। ये लोग सुलनीय मामलों में दोनों पक्षों सुनेंगे और विवाद को खत्म करने का प्रयास करेंगे।
वहीं, चीफ एलएडीसीएस सीपी चंदन ने कहा कि न्यायालयों में बढ़ते लंबित मामलों का समाधान तभी संभव है जब समाज के हर स्तर पर लोग मध्यस्थता प्रक्रिया को समझें और उसे अपनाएं। उन्होंने कहा कि पीएलवी को चाहिए कि वे केवल जानकारी ही नहीं दें, बल्कि लोगों को विश्वास में लेकर उन्हें इस प्रक्रिया से जोड़ें। उन्होंने कहा कि यह अभियान सामाजिक समरसता को भी मजबूत करता है। कार्यक्रम में डिप्टी चीफ एलएडीसीएस त्रिपुरारी कुमार सिंह, पैनल अधिवक्ता विजय कुमार, सहायक बिपिन कुमार समेत बड़ी संख्या में पीएलवी मौजूद रहे।
(रिपोर्ट: मनीष कुमार)

No comments: