विश्वविद्यालय की क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक परिषद् के तत्वाधान में आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्घाटन निदेशक डॉ.मो. अबुल फजल, उप निदेशक डॉ. जैनेन्द्र कुमार और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजीब कुमार ने दीप प्रज्वलन कर संयुक्त रूप से किया।
खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए निदेशक डॉ. मो. अबुल फजल ने कहा कि विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ.विमलेंदु शेखर झा के नेतृत्व में प्रतियोगिताओं में भाग लेकर जीतने वाले विद्यार्थियों को कई महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त होंगे। क्रीड़ा विभाग दिन प्रतिदिन नए आयामों को गढ़ रहा है। यह देखकर प्रसन्नता होती है कि प्रतियोगिता स्थल पर काफी सारे छात्र-छात्राएं भाग लेने के लिए पहुंचते हैं। यह प्रसन्नता तब और बढ़ जाएगी जब अंतर विश्वविद्यालय और ईस्ट जोन प्रतियोगिता में भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के खिलाड़ी अपना परचम बुलंद करेंगे।
उप निदेशक डॉ. जैनेन्द्र कुमार ने कहा कि कुलपति के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। डॉ. कुमार ने कहा कि विगत कुछ वर्षों से खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में विश्वविद्यालय ने अच्छा प्रदर्शन किया है। महाविद्यालय स्तर पर चयनित छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित करने के लिए लगातार कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने मंच के माध्यम से विश्वविद्यालय क्षेत्र अंतर्गत सभी महाविद्यालय के प्रचार्यों से अनुरोध किया है कि वह अपनी टीम आवश्यक तौर पर अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिताओं के लिए भेजें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. संजीब कुमार ने कहा कि यह हमारे महाविद्यालय के लिए सौभाग्य की बात है कि अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता का पहला कार्यक्रम की मेजबानी करने का अवसर हमें प्राप्त हुआ। इसके लिए प्राचार्य ने सभी प्रतिभागियों को बधाई व शुभकामनाएं दी। संजीब कुमार ने अपने उद्बोधन में शतरंज को महाभारत काल से जोड़ते हुए इसके ऐतिहासिक और बौद्धिक महत्व के बारे में बताया। उन्होंने खेलों के माध्यम से विद्यार्थियों में नेतृत्व, रणनीति और धैर्य जैसे गुणों के विकास पर बल दिया। उन्होंने शतरंज के महत्व के बारे में बताते हुए हाल ही में विश्व चैंपियन रही दिव्या देशमुख का उदाहरण पेश किया।
शतरंज प्रतियोगिता में पहली बार 13 महाविद्यालयों की टीम ने हिस्सा लिया
अंतर महाविद्यालय शतरंज प्रतियोगिता में इस बार प्रतिभागियों की संख्या में इजाफा हुआ। इसमें पहली बार 13 महाविद्यालयों की टीमों ने हिस्सा लिया। जिसमें एमएलटी कॉलेज सहरसा, हरिहर साहा कॉलेज उदाकिशुनगंज, बीएनएमवी कॉलेज साहुगढ़, अनूप लाल कॉलेज त्रिवेणीगंज, टीपी कॉलेज मधेपुरा, बीएसएस कॉलेज सुपौल, यूवीके कॉलेज कड़ामा, श्री कृष्णा डिग्री इवनिंग कॉलेज, उदाकिशुनगंज, एमएचएम कॉलेज सोनबरसा, पीएस कॉलेज मधेपुरा, आरएम कॉलेज सहरसा, मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा, वीमेंस कॉलेज मधेपुरा की भागीदारी रही।
निष्पक्ष खेल संचालन पर फोकस
प्रतियोगिता के सफल संचालन के लिए ऑर्बिटर के रूप में मधेपुरा जिला के शतरंज संघ के सचिव अनुज कुमार यादव एवं उप सचिव रितेश कुमार, क्रीड़ा अध्यक्ष डॉ. प्रेम सुंदर प्रसाद, अरुण कुमार, पीटीआई राकेश कुमार, प्रेम कुमार, नेहरू प्रसाद चौधरी, भानु कुमार, प्रिय रंजन, नंदन भारती, रत्नाकर भारती, अमित कुमार, संजीव कुमार, अभिषेक आचार्य सहित अन्य लोग सक्रिय रहे।
कार्यक्रम का मंच संचालन महाविद्यालय के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ. शंभू रॉय ने अत्यंत कुशलता और प्रभावशाली ढंग से किया।
महाविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर महाविद्यालय के अर्थपाल और शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. कमलेश कुमार, डॉ.निज़ामुद्दीन अहमद, डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. अनामिका के साथ-साथ महाविद्यालय के शिक्षकेत्तर कर्मियों ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम का मान बढ़ाया।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 29, 2025
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