उनका पार्थिव शरीर दिल्ली स्थित उनके बड़े पुत्र व वरीय अधिवक्ता अजित कुमार सिंह के निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। मंगलवार को सुबह 10:30 बजे वहां अंतिम यात्रा निकली और दिल्ली के लोधी क्रेमेशन ग्राउंड में उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को 11:30 बजे संपन्न हुआ। बीके सिंह ने अपने सेवाकाल में कोलकाता में डीजीपी (क्राइम ब्रांच) जैसे उच्च पदों पर कार्य करते हुए ईमानदारी, निष्ठा और सादगी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें महामहिम राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था। वे न केवल एक कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे, बल्कि एक सच्चे समाजसेवी भी थे। उन्होंने अनेक जरूरतमंदों को न्याय, रोजगार और सहायता दिलाकर समाज में मानवीय मूल्यों की मिसाल पेश की।
उनके निधन से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा क्षेत्र और समाज है शोकाकुल है. वे अपने पीछे धर्मपत्नी सुशिला देवी, बड़े पुत्र अजित कुमार सिंह, छोटे पुत्र विश्वजीत सिंह, बड़े भाई व सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर रह चुके एनके सिंह (सेवानिवृत्त डीजीपी), छोटे भाई सुशील कुमार सिंह तथा भतीजा नन्द कुमार सिंह सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
समाजसेवी नन्द कुमार सिंह ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि "दिवंगत बीके सिंह के समाजसेवा के पदचिह्नों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।" वहीं, उनके बड़े भाई एन.के. सिंह ने कहा, कि वे एक आदर्श पुलिस अधिकारी, नेकदिल इंसान और समाजसेवा के प्रतीक थे। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा। उनका जाना समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। जदयू के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कि दिवंगत बीके. सिंह मिलनसार और संवेदनशील प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, जो हमेशा समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते थे।
(रिपोर्ट: मीना कुमारी/ मधेपुरा टाइम्स)

No comments: