मृतक की माता सुबह मूंग तोड़ने के लिए बहियार गई हुई थी। मौत के बाद माता पिता और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। आग लगने के बाद हो हल्ला होने पर आस-पड़ोस के लोग पहुंचे और किसी तरह चालाकल के पानी से आग को बुझाने का प्रयास किया। लेकिन जबतक में आग पर काबू पाते तब तक में बच्ची को आग अपने चपेट में ले चुका था। उसके बाद किसी तरह आग को बुझाया।
जनप्रतिनिधि व ग्रामीण ने घटना की सूचना शंकरपुर पुलिस और अंचलाधिकारी को दिया। आगलगी में दो बोझ सोन, बर्तन, अनाज सहित हजारों रुपए के समान जल गया। पुलिस पदाधिकारी नागेन्द्र कुमार ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर कागजी प्रक्रिया पूरी कर बच्ची के शव को पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल मधेपुरा भेज दिया। थानाध्यक्ष रौशन कुमार ने बताया कि आगलगी की सूचना मिलते ही पुलिस पदाधिकारी को घटना स्थल पर भेज दिया गया। शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं अंचलाधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि आगलगी में बच्ची की मौत की सूचना मिली है। राजस्व कर्मचारी से जांच करवा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सरकार की ओर से मिलने वाली सहायता राशि दिलाने में मदद देगी।
जदयू जिला उपाध्यक्ष सह मुखिया प्रतिनिधि पारसमणी आजाद, उपमुखिया कुंदन कुमार, विजय कुमार, अशोक कुमार, वार्ड सदस्य गजेन्द्र शर्मा सहित अन्य कई लोगों ने आगलगी के बाद घर पहुंचकर ढांढस बंधाया और जिला प्रशासन से जल्द जांच कर उचित मुआवजा का मांग किया है। उन लोगों का कहना था कि यदि शंकरपुर प्रखंड मुख्यालय में दमकल रहता तो शायद बच्ची की जान बच सकती थी। दमकल नहीं रहने से आए दिन आगलगी की घटनाएं बड़ी क्षति को अंजाम देती हैं जबतक में दमकल पहुंचता है तब तक लाखों की संपत्ति जलकर खाक हो जाती है।

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