बीएनएमयू में व्याप्त अराजकता, विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही और महिला उत्पीड़न के आरोपी परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने बीएनएमयू मुख्यद्वार पर कुलपति का पुतला फूंका ।
संयुक्त संघर्ष मोर्चा के नेता सैकड़ों छात्रों के साथ नारे बाजी करते हुए विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे। जहां बड़ी संख्या में उपस्थित पुलिस बल ने छात्रनेताओं को परिसर में जाने से रोका, जहां घंटों पुलिस बल से नोक झोंक भी हुई। छात्रनेताओं के आक्रोश को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया। पूरा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया । संयुक्त संघर्ष मोर्चा के नेताओ नारेबाजी करते हुए बीएनएमयू कुलपति का पुतला दहन किया और घंटों नारेबाजी भी की ।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन की तानाशाही चरम पर है। बीएनएमयू कुलपति विश्वविद्यालय को पुलिस के लाठी के सहारे चला रही है । लाठी के दम पर छात्रों के लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है । छात्रहित में सवाल करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन जवाब में मुकद्दमा और जेल भेजने की धमकी देते है। जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि बीएनएमयू प्रशासन के धमकियों, मुकदम्मे और जेल से हम डरने वाले नही है। कैंपस में छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने नहीं दिया जाएगा । बीएनएमयू प्रशासन द्वारा के साथ अपराधियों जैसा बर्ताव कर रहा है। शिक्षा के मंदिर को भ्रष्टाचारियों का अखाड़ा बना दिया गया है । अब यह लड़ाई यहां के आम लोगों , छात्रों और अभिभावकों की बन गई है।
छात्र राजद के जिलाध्यक्ष निखिल यादव ने कहा कि महिला उत्पीड़न के आरोपी परीक्षा नियंत्रक के खिलाफ लगातार आंदोलन चल रहा है। बीएनएमयू प्रशासन जवाब देने के बजाय चुप्पी साधी हुई है । छात्राओं के सुरक्षा और सम्मान के साथ खिलवाड़ कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। विश्वविद्यालय शैक्षणिक माहौल खत्म किया जा रहा है । पठन पाठन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है । हमलोग राजभवन को भी विश्वविद्यालय के अराजक माहौल से अवगत करा रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अगर अविलंब अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं लाता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेवारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी । विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के हक - अधिकार और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करे ।
एआईएसएफ जिलाध्यक्ष वसीमुद्दीन उर्फ नन्हे ने कहा कि बीएनएमयू में अराजकता का माहौल है । छात्रों के भविष्य के प्रति विश्वविद्यालय प्रशासन लापरवाह बनी हुई है। छात्र अपनी समस्याओं को लेकर दर दर भटक रहे है लेकिन बीएनएमयू प्रशासन छात्रहित के मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है । उन्होंने कहा कि पेंडिंग, माइग्रेशन, मूल प्रमाण पत्र विभाग की लचर व्यवस्था से छात्र त्रस्त है । मूल प्रमाण पत्र निर्गत करने के छः महीना से अधिक समय लिया जाता है। जिसके लिए हमलोगो ने कई बार बीएनएमयू कुलपति को ज्ञापन भी दिया लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है । विश्वविद्यालय में बिजली, पानी और बेहतर शौचालय तक की व्यवस्था का अभाव है । उन्होंने कहा की हमारी पास आंदोलन के अलावे कोई विकल्प नहीं है।
विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से एआईएसएफ जिला सचिव सुभम स्टालिन, प्रेमदीप कुमार, एनएसयूआई जिला सचिव सोनू कुमार, प्रखंड संयोजक आशीष कुमार, छात्र राजद के नितेश कुमार, शिवशंकर कुमार, आलोक सम्राट, अमन कुमार, अंकेश यादव, बाबुल कुमार, नीरज कुमार, राहुल कुमार, अभिमन्यु कुमार, एनएसयूआई के लालबहादुर कुमार, आशुतोष राणा, विभाष कुमार विमल, रणधीर रॉय, नीतीश कुमार, दिलखुश कुमार, प्रदीप कुमार, चंदन कुमार, राहुल कुमार, रणधीर कुमार, बाबुल कुमार समेत दर्जनों छात्रनेता और कार्यकर्ता मौजूद थे ।
संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने बीएनएमयू मुख्यद्वार पर कुलपति का पुतला फूंका
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 23, 2024
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