अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री श्री अभिषेक यादव ने कहा कि पहले स्नातक की पढ़ाई लोग चार से पांच हजार में कर लेते थे लेकिन नहीं सेमेस्टर सिस्टम और नई शिक्षा नीति के तहत लागू फीस प्रणाली के कारण अब एक सेमेस्टर में तीन से चार हजार छात्र छात्राओं को लग रहे हैं। इस हिसाब से 8 सेमेस्टर की पढ़ाई करने में काम से कम 30 से 35 हजार रुपए तक खर्च होगी। बिहार जैसे गरीब क्षेत्र में इतना फीस रखना कहीं से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल को कुछ लोगों ने दिग्भ्रमित करके इस फीस स्ट्रक्चर को लागू करवाया है। ये वही लोग हैं जो AC कमरों में बैठकर छात्र-छात्राओं का आर्थिक शोषण करते हैं और करोड़ों रुपए देकर दलाली करके कुलपति एवम कुलसचिव बन जाते हैं। आज राज्य के गरीब छात्र-छात्राओं से उनके पढ़ने का अधिकार छीनने का काम कुछ शिक्षा माफिया कर रहे हैं और निजी महाविद्यालयों को फायदा पहुंचा रहे हैं। दुर्भाग्य है कि महामहिम कुलाधिपति भी ऐसे लोगों से घिर चुके हैं।
वहीं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रंजन यादव ने कहा कि मंडल विश्वविद्यालय में निजी महाविद्यालय को अभी तक ऑनलाइन फीस भुगतान करने की सुविधा नहीं दी गई है. छात्र-छात्राओं का नामांकन शुल्क और परीक्षा प्रपत्र शुल्क ऑनलाइन निजी महाविद्यालय में नहीं लिया जाता है जिसके कारण काउंटरों पर अवैध वसूली होती है जो कि कुछ शिक्षा माफिया के इशारे पर ऐसा किया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि मंडल विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में नियुक्त शिक्षकों की शैक्षणिक अर्हता एवं प्रमाण पत्रों की जांच को लेकर कई बार समिति बनी लेकिन हर बार मामला को टाल दिया गया जबकि इन विभागों में कई ऐसे लोग हैं जो फर्जी डिग्री के सहारे B.Ed संकाय में नौकरी कर रहे हैं. उनके जांच के लिए अविलंब पहल किए जाएं।
विभाग संयोजक सौरभ यादव ने कहा कि मंडल विश्वविद्यालय के अंगीभूत महाविद्यालय में अभी भी बहुत सारे प्रायोगिक विषयों की पढ़ाई नहीं होती है जिसके कारण छात्र-छात्राओं को निजी महाविद्यालयों पर निर्भर होना पड़ता है और उनका शोषण जमकर होता है। क्योंकि निजी महाविद्यालय में जानबूझकर इस विषय की पढ़ाई विश्वविद्यालय के कुछ लोगों के द्वारा शिक्षा विभाग को अनुमोदन भेज कर कराया जाता है लेकिन अंगीभूत महाविद्यालय में इस प्रस्ताव को रोक लिया जाता है और शिक्षा विभाग को अनुमोदन नहीं भेजा जाता है. जिसके कारण इन विषयों की पढ़ाई नहीं हो पाती है और छात्र-छात्राओं का जमकर शोषण होता है।
जिला संयोजक सुपौल एवं जिला संयोजक सहरसा ने संयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए कहा कि वोकेशनल एवं प्रोफेशनल कोर्सेज में अभी भी नामांकन और परीक्षा प्रपत्र ऑफलाइन लिया जाता है जिसके कारण छात्र-छात्राओं से अवैध वसूली किया जाता है इसलिए इन सभी वोकेशनल एवं प्रोफेशनल कोर्स में नामांकित छात्राओं का भी ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की जानी चाहिए।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आमोद आनंद ने कहा कि स्नातक तृतीय खंड के परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद बहुत सारे छात्रों का परीक्षा परिणाम लंबित है जिस वजह से कई सारे छात्र छात्रों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है इस कारण पेंडिंग परीक्षा परिणाम को अविलंब जारी किया जाए।
इस मौके पर समीक्षा यदुवंशी ,जिला संयोजक नवनीत सम्राट, नगर मंत्री अंकित आनंद,राजू सनातन,संजीव, अंशु, अजय,शानू भारद्वाज, रवि रंजन, प्रिंस, नीरज, शिवजी, रंजीत, सनी श्रीवास्तव, नीतीश सिंह यादव प्रांत कार्यकारिणी सदस्य, संगठन विस्तारक शंकर कुमार, मोनू झा प्रांत विधि कार्य संयोजक, कृष्णकांत गुप्ता जिला संयोजक, मनदीप कुमार सिमरी बख्तियारपुर नगर मंत्री, सौरभ कुमार सिंह ,अंशु कुमार, वरुण गुप्ता, गणेश यादव ,तन्मय राज, आनंद गुप्ता, कश्यप कुमार, मनीष, शिवम आदि उपस्थित थे।
(नि. सं.)
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