किसान नेता रमण कुमार की अध्यक्षता में आयोजित विचार गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि मधेपुरा के प्रख्यात समाजसेवी चंद्रशेखर ने मुंशी प्रेमचंद जी को शोषण, गुलामी, ढोंग, स्वार्थ, रूढ़िवाद, अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लिखने वाले एक जन लेखक बताते हुए कहा कि हमें समाज के कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा, यही मुंशी प्रेमचंद जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
जहाँ हम सभी को किसी की मृत्यु होने पर शोक मनाना चाहिए तो वहीं हम जश्न मनातें हैं, भोज खातें हैं. उन्होंने कहा कि मृत्यु भोज एक सामाजिक कुरीति का रूप ले लिया है. इसे रोके बगैर समाज को नहीं बचाया जा सकता.
उन्होंने प्रत्येक गांव में मृत्यु भोज के बहिष्कार करने के लिए एक समिति का निर्माण करने, एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार करने, गांव-गांव में चौपाल लगाने एवं लोगों को जागरूक बनाने का आह्वान किया.
इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि मृत्यु भोज खाने वाले और खिलाने वाले दोनों ही दोषी हैं. उन्होंने कहा कि आज समाज में बड़े बदलाव की जरूरत है, इस बदलाव के लिए गरीब को हिम्मत नहीं, मध्यम वर्ग को फुर्सत नहीं और अमीरों को जरूरत नहीं है, जिस कारण सामाजिक कुरीति और कुव्यवस्था फल फूल रही है.
भाकपा नेता ने कहा कि कुरीति को रोकने के लिए समाज के संपन्न, शिक्षित और सम्मानित परिवार को आगे आना होगा. मृत्यु भोज को त्याग कर उस पैसे से गरीबों की बेटी की शादी, समाज के लिए एंबुलेंस, सार्वजनिक पुस्तकालय, धर्मशाला, विवाह भवन, बच्चों को स्कूल जाने के लिए बसें, बीमार और लाचार को समुचित इलाज एवं सहयोग, मृतक के याद में वृक्षारोपण आदि कामों से हम समाज में जागृति पैदा कर इस कुव्यवस्था को सदा के लिए मिटाया जा सकता है.
विचार गोष्ठी में पोखराम परमानंदपुर के मुखिया गजेंद्र यादव ने कहा कि हम सभी को मिलकर मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का संकल्प लेना चाहिए. हम अपने पंचायत में ग्रामीणों के सहयोग से इसकी शुरुआत करेंगे.
मौके पर मुख्य रूप से पैक्स अध्यक्ष सुजेंद्र यादव, सरपंच पप्पू यादव, पंचायत समिति सदस्य संदीप कुमार, पूर्व मुखिया वशिष्ठ यादव, बाल किशोर यादव, सीपीआई के जिला सचिव विद्याधर मुखिया ,राज्य परिषद सदस्य शैलेंद्र कुमार, शिक्षक नेता प्रो. संजय कुमार, सुधीर कुमार, मुकुंद प्रसाद यादव, सेवा निर्मित आर्मी अधिकारी शैलेंद्र कुमार सुमन ,वार्ड सदस्य संघ के जिला अध्यक्ष प्रतिनिधि रमेश कुमार शर्मा ,युवा नेता शंभू क्रांति ,हर्षवर्धन सिंह राठौर, छात्र नेता राणा कुमार ,सुमित कुमार, शुभम स्टालिन, किसान नेता शिवनंदन यादव, अभिनंदन यादव, संजय यादव ,भारत यादव, संतोष यादव, मुरली यादव, विजय यादव ,बद्री जी, रविंद्र राम, भटन ऋषिदेव आदि बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं इलाके के प्रबुद्ध जनों ने विचार गोष्ठी में अपने विचार को रखा.
सभी वक्ताओं ने एक सुर से मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का संकल्प लिया. आयोजक रमण कुमार द्वारा मृत्यु भोज का बहिष्कार करने का एक प्रस्ताव विचार गोष्ठी में प्रस्तुत किया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया. सभी वक्ताओं ने एक स्वर से किसान नेता रमण कुमार के इस पहल की प्रशंसा की.

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