गौरतलब हो कि यहां करीब 2 फीट से अधिक गहरे गड्ढे बने हुए हैं जिसमें पानी भर जाने की वजह से अब राहगीरों को पता नहीं चलता है और उसमें जा गिरते हैं. रोजाना यहां दर्जनों छोटी-मोटी घटनाएं घट रही है. इन गड्ढों की स्थिति इतनी खराब है कि कोई भी वाहन चालक इनसे बचने की कोशिश करता है, लेकिन अक्सर ये प्रयास असफल हो जाते हैं। कई बार, गड्ढे इतने गहरे होते हैं कि वाहन का संतुलन बिगड़ जाता है और दुर्घटनाएं हो जाती हैं। यह स्थिति केवल वाहन चालकों के लिए ही नहीं, बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी खतरनाक है, जो इन गड्ढों की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं।
जिससे स्थानीय दुकानदारों के साथ-साथ आम राहगीरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि रोजाना यहां छोटी-मोटी दुर्घटना घटती रहती है. इस रास्ते से शासन प्रशासन के लोग और तमाम जनप्रतिनिधि भी गुजरते हैं लेकिन किसी ने इसकी मरम्मत की ओर पहल नहीं किया।
लिहाजा यह जर्जर सड़क जी का जंजाल बनता जा रहा है. शुक्रवार को भी करीब एक दर्जन बाइक सवार और कई टोटो दुर्घटनाग्रस्त हो गए. हद तो तब हो गई जब मोटरसाइकिल पर सवार दंपति की गोद से गिरकर करीब तीन माह का बच्चा गड्ढे में डूब गया हालांकि स्थानीय लोगों की तत्परता से सभी को उठाया गया और बच्चे को बाहर निकल लिया गया. ईश्वर की कृपा रही कि बच्चे व सब कुशल रहे. स्थानीय लोगों ने मांग उठाई है कि अविलंब इस जर्जर सड़क की मरम्मती करवाई जाए अन्यथा बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
ऐसी स्थिति में, स्थानीय प्रशासन को तुरंत कार्रवाई कर सड़क की मरम्मती, गड्ढों की मरम्मत, सड़क पर संकेतक लगाना और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। अन्यथा, यह खतरा लगातार बढ़ता रहेगा और अधिक जीवन संकट में पड़ सकते हैं।
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