मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने के लिए सरकार के द्वारा ओपी की स्थापना की गई लेकिन दिन रात ड्यूटी कर लोगों की सुरक्षा करने वाले पुलिस को बारिश में रोजाना टपकती पानी से मुकाबला करना पड़ता है. पुलिसकर्मी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
बता दे कि 50 साल पुराने कोशी प्रोजेक्ट के जर्जर हो चुके भवन में घैलाढ़ आउट पोस्ट संचालित हो रहा है. हालात यह है कि बारिश का पानी छत से टपक रहा है. पुलिस कर्मी कभी तौलिया तो कभी छतरी लेकर बैठकर काम कर रहे हैं. जगह-जगह छत में पानी का रिसाव होने के कारण कई महत्वपूर्ण कागज भी बर्बाद हो जाता है. शस्त्रागार में रखें सभी अस्त्र-शस्त्र रखने की सुरक्षा व्यवस्था नहीं रहने से कर्मियों को हमेशा किसी बड़ी अनहोनी की आशंका सताती रहती है.
इस संबंध में पूछे जाने पर पुलिसकर्मी कुछ भी बताने से इंकार करते हुए बस इतना कहते हैं कि आप लोग देख ही रहे हैं कि कोसी प्रोजेक्ट के जर्जर मकान में रहना पड़ता है. बारिश होने पर हम लोग बैठकर समय बिताए हैं, क्योंकि घर कब गिर जाए इसका पता नहीं. भय के कारण रतजगा कर रहे हैं. वर्तमान स्थिति में मानसून का अभी आगाज ही हुआ है अभी तो पूरी बारिश को लेकर मानसून आना बाकी है. ऐसी स्थिति में भारी बारिश के दौरान छत से टपकने वाले पानी में कर्मचारी और अधिकारी कैसे काम कर पाएंगे. जबकि ओपी में पांच ऑफिसर, एक सेक्शन जिला बल, एक सेक्शन गृह रक्षक बल व 16 चौकीदार पदस्थापित हैं. ओपी भवन में पानी टपकने से बारिश के मौसम में कामकाज अस्त व्यस्त हो जाता है. वहीं अधिकारी कर्मचारियों के लिए बैठने की व्यवस्था गड़बड़ा जाती है.

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