ग्रामीणों ने बताया गया कि गत 26 जून को इस नहर में जेसीबी मशीन द्वारा थोड़ा बहुत साफ-सफाई की गई थी। शुक्रवार की रात नहर में पानी छोड़ने के बाद अचानक दबाव बढ़ने से नहर का बांध अमहा चौक से उत्तर टूट गया। जिससे पंचायत के वार्ड 1, 4, 5, 6, 8 व 9 में स्थित करीब 500 एकड़ में लगी करीब पांच सौ से अधिक किसानों की मूंग फसल व धान का बिचडा पूरी तरह डूब गए और बर्बाद हो गया।
घटना की सूचना मिलने पर मुखिया डॉ विश्वबंधु बादल, जिला परिषद सदस्य राजकिशोर उर्फ बेबी यादव सैकड़ों लोगों के साथ टूटे नहर के पास पहुंचे और जायजा लिया। सूचना मिलने पर सीओ आकांक्षा, राजस्व कर्मचारी उमर अंसारी, थानाध्यक्ष बेलारी राजू कुमार व सिंचाई व नहर विभाग के एसडीओ, कार्यपालक अभियंता सहित अन्य कर्मी भी पहुंच कर जायजा लिया। मुखिया व ग्रामीण के सहयोग से विभागीय अधिकारी की उपस्थिति में कर्मियों द्वारा टूटे बांध की मरम्मत कार्य की शुरुआत कर दी गई है।
उधर मुखिया ने बताया कि इस नहर की सफाई का 87 करोड़ रुपए का टेंडर पास है। बावजूद नहर की साफ-सफाई नहीं होने से इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिससे इलाके के सैकड़ो किसान प्रभावित हुए हैं। नहर टूटने से बेलारी पंचायत के वार्ड 1, 4, 5, 6, 8 व 9 के करीब 500 से अधिक किसानों के खेत में लगी मूंग फसल जो दो तीन दिन में तोड़े जाते सब डूब जाने से बर्बाद हो गए हैं और सैकड़ों किसानों के खेत में धान का बिचडा डूबने से बिचडा की समस्या उत्पन्न हो गई है।
नहर बांध टूटने से महेंद्र यादव, मांगो यादव, लक्ष्मी मंडल, गंगेश्वर यादव, श्याम सुंदर यादव, गणेश यादव, मिथिलेश यादव, सुरेंद्र मंडल, ललन मंडल, नुनुलाल यादव, अशोक यादव, सूर्य नारायण यादव सहित सैकड़ों किसानों को क्षति हुई है। मुखिया डॉ विश्वबंधु बादल, जिला परिषद सदस्य राजकिशोर उर्फ बेबी यादव ने नहर बांध टूटने से प्रभावित किसानों को फसल क्षति मुआवजा राशि देने की मांग की है।
(रिपोर्ट: मीना कुमारी/ मधेपुरा टाइम्स)
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