मधेपुरा जिला के घैलाढ़ में भीषण गर्मी के बावजूद प्रखंड परिसर में चापाकल नहीं रहने के कारण पानी के लिए लोग इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं. ऐसे में रोजाना प्रखंड व अंचल कार्यालय अपने विभिन्न कार्यों के लिए पहुंचने वाले सैकड़ो लोग चिलचिलाती गर्मी में एक गिलास पानी के लिए तरस जाते हैं.
पानी पीने के लिए लोग इधर-उधर भटकते रहते हैं, यहां तक कि प्रखंड और अंचल कर्मी के लिए भी पानी का कोई व्यवस्था नहीं है. ये कर्मी बोतल में अपने घर से पानी लेकर ऑफिस आते हैं और थोड़ी देर में पानी खत्म हो जाने के बाद पानी पीने के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं.
इन दोनों कार्यालय में पानी पीने की कोई व्यवस्था प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है। सरकार द्वारा प्रखंड से लेकर गांव तक सात निश्चय योजना अन्तर्गत हरेक घर में नल जल योजना के तहत पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन यहां तो योजना को क्रियान्वित कराने वाले विभागीय कार्यालय आने वाले लोग ही एक बोतल पानी के लिए मोहताज हैं। इन दोनों कार्यालय में लगभग सौ से अधिक लोग प्रतिदिन अपने अपने कार्य से आते हैं जिनको पीने का पानी एवं शौचालय की अनुपलब्धता के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है। खास कर गर्मी के दिनों में परेशानी और भी बढ़ जाती है। जिनके जेब में राशि होती है वे तो पानी की बोतल खरीदकर पानी पीते हैं लेकिन गरीब और असहाय लोगों को इधर-उधर दूसरे के घरों और दुकानदारों की झुंझलाहट को सुनकर भी अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। प्रशासनिक कुप्रबंधन के कारण उनलोगों को कार्यालय परिसर में पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है। हालांकि पुराने ब्लॉक कैंपस में दो चापाकल है जो नया प्रखंड परिसर से 300 मीटर दूरी पर साइड में रहने के कारण एवम कई महीनो से खराब पड़ा है लोगो को काफी परेशानी होती है।
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