वहीं विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे देश में किसान-मजदूर आज सड़क पर हैं। मोदी सरकार देश की सार्वजनिक संपत्तियों को बेच रही है। रेल, भेल, शिक्षा, हवाई अड्डा समेत सभी सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। इसी के खिलाफ आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जो किसानों के साथ एग्रीमेंट किया, उसको लागू किया जाए। हरहाल में MSP लागू होना चाहिए। किसानों के फसल का समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। कर्मचारियों का पुराना पेंशन लागू होना चाहिए। शिक्षा और काम के अधिकार को मौलिक अधिकार में शामिल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमरतोड़ महंगाई और रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी पर भी लगाम लगाएं सरकार।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार देश की संविधान और एकता को कुचलना चाहती है तो यह हमे मंजूर नहीं। यह देश जितना हिंदुओं का है उतना ही मुसलमान का भी है, उतना ही सिख और ईसाई का भी है। नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार हिंदू और मुसलमान और मंदिर मस्जिद के नाम पर देश को तोड़ना बंद करें। डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी की मांग भी किसान कर रहे हैं। इसके अलावा किसान, मनरेगा को मजबूत करने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और औपचारिक व अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में सभी श्रमिकों के लिए पेंशन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन में बिहार राज्य किसान सभा के नेता रमन कुमार, शंभु क्रांति, मो. वसीमुद्दीन समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 16, 2024
Rating:


No comments: