उक्त मेला में अंतरराज्यीय हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, दिल्ली, नेपाल सहित कई अन्य राज्यों से आये पुरुष एवं महिला पहलवानों के द्वारा दंगल में अपना दांव पेंच दिखाकर लोगों को तालियाँ बजाने पर मजबूर कर दिया. दंगल का तीन दिवसीय आयोजन किया गया है. दंगल का विधिवत उद्घाटन पूर्व मुखिया अरुण कुमार अकेला के द्वारा फीता काटकर किया गया.
मौके पर मौजूद हजारों लोगों को हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए पूर्व मुखिया ने कहा कि मेला आपसी सौहार्द का प्रतीक होता है. इसलिए मेला में आपसी गिला शिकवा भूलकर लोगों को आनंद लेना चाहिए. ईश्वर के हाथ में शुभ अशुभ नहीं होता है. मनुष्य जो चाहेगा वही होगा. मनुष्य को अपने हक़ की लड़ाई में पीछे नहीं हटना चाहिए. जिस तरह आमवस्या के दिन सूर्य और धरती की दूरी कम होती है ठीक उसी प्रकार सूर्य की कल्पना सिर्फ अंधकार के भय के कारण हुआ है.
दंगल में अमन बक्सर ने राहुल इलाहाबाद को पटखनी दिया. शाहिद फतेहपुर ने सतीश दिल्ली को चित किया. दीपक रोहियार ने मोनू बक्सर को पराजित किया. बिरेंद्र बक्सर ने आशीष कानपुर को पराजित किया. जावेद खगड़िया और दिनेश बक्सर में बराबरी का मुकाबला रहा. साकिर नूर मेरठ और राहुल बक्सर एक दूसरे को पटखनी देने में नाकाम रहे. वहीं महिला वर्ग में मधु पटना ने संजू राजस्थान को पराजित किया. सरिता हरियाणा ने पूजा पटना को पराजित किया. इसके साथ ही दर्जनों पहलवानों ने अपना-अपना दांव पेंच आजमाया.
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में यदुवापट्टी मुखिया विजेंद्र यादव, पूर्व जिला परिषद सह वर्तमान मुखिया अशोक कुमार यादव, पूर्व पंसस विजेंद्र यादव सहित अन्य मौजूद थे. वहीं मेला में रेफरी का कार्य पूर्व पैक्स अध्यक्ष भागवत यादव के द्वारा किया गया.
मौके पर मेला एवं दंगल के अध्यक्ष हरिनारायण साह, गन्नू यादव, विवेक यादव, देवेंद्र यादव, धीरेंद्र यादव, रमेश यादव, रंभू यादव, विद्यानंद ठाकुर, अरविंद कुमार, शशि कुमार, जेसस, अजय, देवराम, किशोर, उज्ज्वल, मुकेश शर्मा, रोशन, मो. नौशाद, अवधेश, सूर्यनारायण राम, गणेश राम, सुभाष पंडित सहित सभी मेला कमिटी के युवक मौजूद थे.

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